नहीं सुधरी पोस्टमार्टम हाउस की हालत, शवों पर रेंगते हैं कीड़े

सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस में शवों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 11:46 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 11:46 PM (IST)
नहीं सुधरी पोस्टमार्टम हाउस की हालत, शवों पर रेंगते हैं कीड़े
नहीं सुधरी पोस्टमार्टम हाउस की हालत, शवों पर रेंगते हैं कीड़े

जागरण संवाददाता, अमृतसर : सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस में शवों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार हो रहा है। यहां मानवीय शवों पर कीड़ें रेंगते हैं। जिस कक्ष में शव रखे जाते हैं, वहां बदबू आती है। भीषण गर्मी में शवों को सुरक्षित रखने का कोई प्रबंध नहीं। मंगलवार को रंजीत सिंह नामक शख्स की मृत्यु के बाद उसका शव पोस्टमार्टम हाउस में लाया गया। अंदर दो शव पहले से ही रखे हुए थी, जिन पर कीड़ें रेंग रहे थे। यह देख रंजीत के परिजन भड़क गए।

रंजीत सिंह के भाई हरशरणजीत सिंह ने बताया कि मंगलवार को हादसे में रंजीत की मौत हो गई। शव पोस्टमार्टम हाउस लाए तो वहां अन्य शवों की हालत देखकर दंग रह गए। शवों पर कीड़े रेंग रहे थे। उन्होंने टाफ से पूछा तो बोले कि रंजीत सिंह का शव भी यहीं रख दो। शवों को रखने की और कोई व्यवस्था नहीं। उन्होंने रंजीत का शव वहां रखने से इनकार कर दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बने स्लैब पर शव रखा और बाहर से बर्फ मंगवाकर शव पर रखी।

पांच साल से खराब पड़ा है एसी प्लांट

दरअसल, पोस्टमार्टम हाउस में शवों को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। एक एसी प्लांट लगाया गया था, जो पिछले पांच वर्षों से खराब है। पिछले कुछ वर्षों में पोस्टमार्टम हाउस में शवों के साथ क्रूर व्यवहार हुआ है। कुछ शवों की आंखें चूहों ने कुतर दीं। कुछ लावारिस शव यहीं गल सड़ गए। इस सारी अव्यवस्था के बावजूद मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग शवों को सुरक्षित रखने की दिशा में कोई काम नहीं कर रहा।

पुलिस बिना बताए शव रख चली जाती है : डॉ. अशोक चानना

फोरेंसिक विभाग के मुखी डॉ. अशोक चानना का कहना है कि हम शवों को यहां रखते ही नहीं। जैसे ही शव आता है, तत्काल पोस्टमार्टम कर दिया जाता है। जिन दो शवों की बात की जा रही है वो पुलिस ने हमें बिना बताए यहां रखवा दिए। पुलिस अक्सर ऐसा करती है कि शवों को यहां रखवाकर चलती बनती है। डॉ. चानना ने माना कि उनके पास शवों को सुरक्षित रखने के लिए न तो प्लांट है और न ही कैंडी।

परिवार की आरोप-जीएनडीएच में डॉक्टरों की लापरवाही से गई रंजीत की जान

हरशरणजीत सिंह का आरोप है कि रंजीत सिंह को गंभीर अवस्था में सुबह साढ़े सात बजे गुरुनानक देव अस्पताल लाया गया था। आठ बजे तक डॉक्टरों ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। उसके सिर पर से काफी खून बह चुका था और वह बेहोश था। आठ बजे के बाद डॉक्टरों ने कहा कि इसकी मौत हो चुकी है। हरशरणजीत सिंह ने कहा कि यदि अस्पताल में वेंटीलेटर नहीं था तो डॉक्टरों ने हमें पहले क्यों नहीं बताया। रंजीत सिंह को आधा घंटा तक अस्पताल में क्यों रखा। यह भी एक बड़ी लापरवाही है। उसके भाई की मौत इसी लापरवाही की वजह से हुई।

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