एयरपोर्ट की तर्ज पर बनेगा रेलवे स्टेशन
रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के लिए रेल मंत्रालय की ओर से मिलकर काम किया जा रहा है।
हरीश शर्मा, अमृतसर : रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय सुविधाएं देने के लिए रेल मंत्रालय और पर्यटन विभाग की ओर से मिलकर काम किया जा रहा है। स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार करने के लिए डिजाइन बनाया गया हैं। इसके लिए बकायदा 200 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका हैं। बजट भी रेल मंत्रालय ने अप्रूव कर दिया है। इसके अलावा इंडियन रेलवे स्टेशन डवलपमेंट की टीम की ओर से सर्वे भी करवाए जा रहे है। जिसमें स्टेशन पर दी जाने वाली सुविधाओं संबंधी गंभीरता से फीडबैक लिया जा रहा है। यात्रियों की हर समस्या को जांचा-परखा जा रहा है। ताकि नए तैयार होने वाले मॉडल स्टेशन में किसी तरह की परेशानी यात्रियों को फेस न करनी पड़े। पूरे स्टेशन परिसर में फर्श डालने का काम जोरों से चल रहा हैं।
रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर अमृत सिंह ने बताया कि स्टेशन की नुहार बदलने के लिए काम चल रहे हैं। अगले दो से तीन सालों के दौरान लुक पूरी तरह से एयरपोर्ट जैसी दिखाई देगी। यह होगी स्टेशन पर सुविधाएं:
पूरा रेलवे स्टेशन अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं के साथ तैयार किया जाना है। इसमें मल्टीलेवल पार्किंग, हर एक प्लेटफार्म पर आने-जाने के लिए एस्केलेटर, फुल एयर कंडीशनड, रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, शॉपिग करने के लिए दुकानें, प्री-पेड टैक्सी बूथ, शैड, स्टेशन के अंदर बने फुट ब्रिज को पूरी तरह से ग्लास के साथ कवर किया जाएगा, अंतरराष्ट्रीय स्तर के वेटिग रूम, फाइव स्टार लैस टायलेट आदि सहित कई अन्य सुविधाएं दी जानी है। इस पूरे प्रोजेक्ट अगले 2 से 3 साल में पूरा करने की योजना है। इन जगहों पर ही हो रही है रेनोवेशन
रेलवे स्टेशन के दोनों एंट्री प्वाइंट पर एस्केलेटर लग चुके हैं। उनको अच्छे से मेनटेन किया जा रहा हैं। बुकिग विडो नई बनवाई गई है। दो नए प्लेटफार्म बनकर तैयार हो चुके हैं। सिग्नल इलेक्ट्रोनिक कर दिए गए हैं। डिस्पले विडो लगाई जा रही है। सफाई की नई मशीने लाई जा रही है। रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस और फायर बिग्रेड की व्यस्था की जा रही है। बुजुर्गों के लिए कार्ट व व्हील चेयर की पूरी व्यस्था करवाई जा रही है। म्यूजियम दिखाएगा रेलवे स्टेशन का इतिहास
1862 में तैयार हुए अमृतसर रेलवे स्टेशन पर म्यूजियम भी तैयार करवाया जा रहा हैं। यह म्यूजियम पुरानी टिकट विडो वाली जगह पर तैयार होना हैं। म्यूजियम में अंग्रेजों के जमाने की कई ऐसी दुर्लभ फोटो होंगी, जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा होगा। 1862 में महज एक या दो ट्रेनें ही चलाई गई थी। अमृतसर से चलने वाली सबसे पहली ट्रेन की फोटो, उसके अंदर सीटे किस तरह की थी, किसने हरी झंडी दिखाई थी आदि रोचक फोटोग्राफ इस म्यूजियम में लगाए जाने हैं।