सिविल सर्जन ऑफिस से नहीं पहुंचा रजिस्टर, जीएनडीएच में नहीं हुए अल्ट्रासाउंड

अमृतसर सरकारी चिकित्सा सेवाओं का ¨ढढोरा पीटने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी काम के प्रति कितना संजीदा है, इसका ताजातरीन उदाहरण गुरुनानक देव अस्पताल में दिखा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 06:56 PM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 06:56 PM (IST)
सिविल सर्जन ऑफिस से नहीं पहुंचा रजिस्टर, 
जीएनडीएच में नहीं हुए अल्ट्रासाउंड
सिविल सर्जन ऑफिस से नहीं पहुंचा रजिस्टर, जीएनडीएच में नहीं हुए अल्ट्रासाउंड

जागरण संवाददाता, अमृतसर

सरकारी चिकित्सा सेवाओं का ¨ढढोरा पीटने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी काम के प्रति कितना संजीदा है, इसका ताजातरीन उदाहरण गुरुनानक देव अस्पताल में दिखा है। यहां मंगलवार को गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए छह घंटे इंतजार करना पड़ा। सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकारी औपचारिकताओं की पूर्ति करने वाला एक रजिस्टर अल्ट्रासाउंड करने वाले रेडियोलॉजिस्ट को नहीं मिला।

दरअसल, पीएनडीटी एक्ट के तहत हर गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करने से पहले उसका आइडी प्रूफ लेकर नाम व पता एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इस रजिस्टर में कॉलम बने रहते हैं, जिन पर गर्भवती की सटीक जानकारी दर्ज की जाती है। गुरुनानक देव अस्पताल स्थित रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग में वीरवार को रजिस्टर नहीं पहुंचा। असल में सिविल सर्जन कार्यालय के अधिकारी ने सुबह रजिस्टर भेजा ही नहीं। ऐसे में अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर बैठी गर्भवती महिलाएं इंतजार करती रहीं। वे बार-बार स्टाफ से पूछतीं कि आखिर अल्ट्रासाउंड क्यों नहीं हो रहा। इस सवाल का जवाब स्टाफ देने में आनाकानी करता रहा। बार-बार सिविल सर्जन कार्यालय में फोन किए जाते रहे। कुछ गर्भवती महिलाओं को गायनी वार्ड के डॉक्टर ने तत्काल अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाने को कहा गया था। ये महिलाएं कोख में पल रहे शिशु के साथ कभी अल्ट्रासाउंड सेंटर के भीतर जातीं तो कभी बाहर आकर बैठ जातीं। राजवंत कौर निवासी वेरका ने बताया कि वह नौ माह की गर्भवती है। आज या कल में उसकी डिलीवरी हो जाएगी। डॉक्टर ने उसे अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा था। मैं सुबह नौ बजे से अल्ट्रासाउंड सेंटर के बाहर खड़ी हूं। यहां कोई स्टाफ मेरी बात सुनता ही नहीं। ऐसी कई महिलाएं थीं जो टेस्ट करवाने के लिए स्टाफ के आगे गुहार लगा रही थी, पर सरकारी औपचारिकता निभाने की मजबूरी में फंसा स्टाफ भी निरुत्तर था।

दोपहर तकरीबन एक बजे सिविल सर्जन कार्यालय से एक कर्मचारी रजिस्टर लेकर आया। रजिस्टर मिलने के बाद स्टाफ ने अल्ट्रासाउंड तो शुरू किए, पर इस सरकारी लापरवाही अथवा उदासीनता के कारण गर्भवती महिलाओं को जो पीड़ा हुई, उसका कसूरवार कौन है और इसकी भरपाई कौन करेगा।

सिविल सर्जन डॉ. हरदीप ¨सह घई ने कहा कि मैं अभी पता करता हूं कि आखिर रजिस्टर भेजने में देरी क्यों की गई। भविष्य में ऐसा नहीं होगा, इसके लिए स्टाफ को जवाबदेह बनाया जाएगा।

रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग में फिल्में भी खत्म

गुरुनानक देव अस्पताल में स्थित रेडियोडाग्नोस्टिक विभाग में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की फिल्में भी आज तक नहीं पहुंचीं। ऐसे में कई मरीज निराश होकर लौट रहे हैं।

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