जांच के लिए 16 दिन बाद फिर ट्रैक पर दौड़ी 'खूनी ट्रेन', ट्रैक पर चलवाई और दी स्पीड

अमृतसर रेल हादसे के लिए पहुंची टीम ने अमृतसर रेलवे स्टेशन से मानावालां तथा मानावालां से अमृतसर तक ट्रेन को दौड़ाकर पूरी घटना को समझने की कोशिश की।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 11:06 AM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 11:06 AM (IST)
जांच के लिए 16 दिन बाद फिर ट्रैक पर दौड़ी 'खूनी ट्रेन', ट्रैक पर चलवाई और दी स्पीड
जांच के लिए 16 दिन बाद फिर ट्रैक पर दौड़ी 'खूनी ट्रेन', ट्रैक पर चलवाई और दी स्पीड

जेएनएन, अमृतसर। जोड़ा फाटक पर दशहरे के दिन हुए रेल हादसे के 16 दिन बाद रेलवे ने मामले की जांच शुरू की। जांच गत देर रात तक जारी रही। ट्रैक पर जंजीर से बांधकर खड़ी की गई खूनी ट्रेन को भी जांच का हिस्सा बनाया गया। जांच के दौरान इस ट्रेन को अमृतसर रेलवे स्टेशन से मानावालां तथा मानावालां से अमृतसर तक दौड़ाकर पूरी घटना को समझने की कोशिश की गई।

मामले की जांच करने के लिए पहुंचे रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एसके पाठक ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद रेलवे वर्कशाप में मैकेनिकल और टेक्निकल विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान कलमबद्ध किए। हालांकि उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी, लेकिन बताया जा रहा है कि उन्होंने रेल हादसे से संबंधी सारा रिकार्ड तलब किया है।

यह भी बताया गया है कि जांच अधिकारी ने जोड़ा फाटक के गेटमैन अमित सिंह, डीएमयू के ड्राइवर अरविंदर कुमार, हावड़ा मेल के ड्राइवर व गार्ड, अमृतसर रेलवे स्टेशन पर तैनात स्टेशन सुपरिंटेंडेंट, ऑपरेटिंग अधिकारी को भी जांच में शामिल होने की हिदायत दी है।

डीएमयू को ट्रेक पर दौड़ाने के दौरान तैनात पुलिस।

वहीं, जीआरपी के इंचार्ज बलबीर सिंह को भी जांच में शामिल कर इस बात को लेकर सवाल किए गए कि हादसे से पहले रेलवे के अधिकारियों और जीआरपी को भीड़ एकत्रित होने की जानकारी मिली थी या नहीं, जबकि मैकेनिकल और टेक्निकल विभाग के अधिकारियों से गाड़ी की स्पीड, ड्राइवर की भूमिका तथा गेटमैन की भूमिका की विस्तृत जानकारी हासिल की। उन्होंने रेल हादसे संबंधी सोशल मीडिया में वायरल फुटेज भई देखे। सोमवार अन्य कई अधिकारियों व कर्मचारियों से बात करने के अलावा वह लोगों से भी हादसे के संबंध में जानकारी हासिल करेंगे।

डीएमयू रेलगाड़ी को रेलवे ट्रेक पर चलाकर की जांच

गत दिवस शाम करीब सवा 6 बजे एसके पाठक ने अपनी टीम के साथ खूनी ट्रेन (डीएमयू) में बैठकर अमृतसर रेलवे स्टेशन से मानांवाला रेलवे स्टेशन और वहां से वापस अमृतसर रेलवे स्टेशन तक चलवाकर घटना को समझने की कोशिश की। बताया गया है कि इस दौरान उन्होंने हादसे के समय डीएमयू की स्पीड क्या थी, कितनी होनी चाहिए थी, गेटमैन की भूमिका, ड्राइवर की भुमिका, डीएमयू हेड लाईट, स्पीड को कम करने के लिए ड्राइवर ने क्या किया, गेटमैन सहित जीआरपी और आरपीएफ को ट्रेक पर लोगों की मौजूदगी की जानकारी, गेटमैन द्वारा किसी भी अधिकारी को इसकी सूचना दिए जाने आदि के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद डीएमयू को दोबारा अमृतसर रेलवे स्टेशन यार्ड में खड़ा कर दिया गया।

हादसे की जांच करने के लिए ट्रेक पर पहुंचे जांच अधिकारी।

सांसद औजला ने की जांच अधिकारी से मुलाकात 

जांच करने पहुंचे एसके पाठक से अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए औजला ने कहा कि हादसे के बाद रेलवे द्वारा अपने अधिकारियों को क्लीन चिट देना रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर मामले की जांच करवाने का आग्रह किया था। जिसके बाद अब रेलवे ने जांच शुरु की है। जांच अधिकारी को इस मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच करनी चाहिए।

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