जीएनडीएच में लेबर रूम के बाहर फर्श पर तड़पती रही गर्भवती

गुरुनानक देव अस्पताल में गर्भवती दर्द से तड़पती रही पर डॉक्टरों ने उसे एडमिट नहीं किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jul 2019 09:50 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jul 2019 06:36 AM (IST)
जीएनडीएच में लेबर रूम के बाहर फर्श पर तड़पती रही गर्भवती
जीएनडीएच में लेबर रूम के बाहर फर्श पर तड़पती रही गर्भवती

जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरुनानक देव अस्पताल में गर्भवती दर्द से तड़पती रही, पर डॉक्टरों ने उसे एडमिट नहीं किया। महिला लेबर रूम के बाहर फर्श पर लेटी गुहार लगाती रही कि उसे एडमिट किया जाए। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने उन्हें यहां से चले जाने को कह दिया। हालांकि अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि महिला वार्ड में एडमिट थी और शनिवार को अचानक वार्ड से उठकर लेबर रूम के बाहर लेट गई।

यह मामला अजनाला के गांव नेपाल निवासी ममता से संबंधित है। भाई राजविदर सिंह ने बताया कि ममता नौ माह की गर्भवती है और उपचार सिविल अस्पताल अजनाला में चल रहा था। बुधवार को ममता की हालत बिगड़ गई और उसे डॉक्टर ने गुरुनानक देव अस्पताल रेफर कर दिया। रेफरल स्लिप लेकर जब वहां पहुंचे तो गायनी वार्ड में स्लिप जमा करवाई और फाइल बनवाई। जब वार्ड में गए, तो डॉक्टर ने एडमिट करने से इंकार कर दिया। डॉक्टर ने दो टूक कहा कि यहां उसका इलाज नहीं हो सकता, इसे कहीं ओर ले जाओ। डॉक्टर को उसकी बिगड़ती हालत का हवाला भी दिया गया, पर वह नहीं माना। आखिरकार बुधवार की रात गायनी वार्ड के बाहर काटी, फिर वीरवार को ममता को लेकर लेबर रूम की ओर आए। लेबर रूम में भी स्टाफ ने अंदर आने से इंकार कर दिया। ममता की तकलीफ बढ़ रही थी। ऐसे में वह लेबर रूम के बाहर ही फर्श पर लेट गई। मां निम्मो ने बताया कि डॉक्टरों ने हमारे साथ अन्याय किया है। एक गर्भवती तड़पती रही और किसी ने उसकी पुकार नहीं सुनी।

दैनिक जागरण ने मामले की जानकारी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शिवचरण सिंह को दी, तो उन्होंने फौरन अपने दो कर्मचारियों को लेबर रूम की ओर भेजा। ममता को व्हीलचेयर पर बिठाकर फौरन गायनी वार्ड में शिफ्ट किया गया। परिजनों के आरोपों का खंडन करते हुए डॉ. शिवचरण ने कहा कि महिला तीन दिन पहले नहीं, बल्कि वीरवार दोपहर यहां आई थी। उसकी डिलीवरी में अभी काफी वक्त है। परिवार वाले चाहते थे कि जल्द से जल्द ऑपरेशन कर दिया जाए, पर डॉक्टर नियमानुसार ही डिलीवरी कर सकते हैं। महिला को वार्ड में एडमिट करवाया था, लेकिन वह खुद ही लेबर रूम के बाहर आकर लेट गई, ताकि जल्दी डिलीवरी हो सके।

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