पुलिस का कारनामा.. एक एफआइआर में निपटाए चोरी के दो केस

पंजाब पुलिस अपने कारनामों को लेकर अकसर विवादों में रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 12:10 AM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 12:10 AM (IST)
पुलिस का कारनामा.. एक एफआइआर में निपटाए चोरी के दो केस
पुलिस का कारनामा.. एक एफआइआर में निपटाए चोरी के दो केस

नवीन राजपूत, अमृतसर

पंजाब पुलिस अपने कारनामों को लेकर अकसर विवादों में रही है। एफआइआर दर्ज नहीं करना, एफआइआर देरी से दर्ज करना, रिश्वत लिए बगैर काम नहीं करना इत्यादि, लेकिन वीरवार को पुलिस का एक और चेहरा सामने आया है। चुनाव के दिनों में अपराध का ग्राफ कम करने के लिए डी-डिवीजन थाने की पुलिस ने एक ही एफआइआर में (एफआइआर नंबर -40) चोरी के दो मामले दर्ज कर दिए। इससे एक तो आला अधिकारियों को यह भ्रम रहेगा कि डी डिवीजन थाने का क्राइम ग्राफ सबसे कम है। दूसरा शिकायतकर्ताओं अगर चोरी हुए सामान की रिकरवी होती है तो उसे अदालत से हासिल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

दरअसल, पिका प्लाजा की दो दुकानों पर चोर गिरोह के सदस्यों ने बुधवार की तड़के ताले तोड़कर लगभग 3.45 लाख रुपये चोरी कर लिए। दोनों दुकानें साथ-साथ हैं। पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे और मामले को देखते हुए दोनों शिकायतकर्ताओं के मामले को एक ही एफआइआर में दर्ज कर दिया। जगीर सिंह ने डी डिवीजन थाने की पुलिस को बताया कि बीती रात वह अपनी मनियारी दुकान बंद कर चले गए थे। अगले दिन जब वह लौटे तो ताला खोलते ही देखा कि अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था। चोर गिरोह के सदस्य छत के रास्ते ताला तोड़कर दुकान के अंदर घुसे और गल्ले में रखे 1.50 लाख रुपये और कीमती सामान चोरी कर ले गए। इसी तरह बाबा बोहड़ी वाला बाजार निवासी जसबीर सिंह ने डी डिवीजन थाने की पुलिस को बताया कि उनकी भी पिक प्लाजा इलाके में मनियारी की दुकान है। सुबह जब वह दुकान पर पहुंचे तो छत के रास्ते चोर गिरोह के सदस्य उनकी दुकान में घुसे और 1.25 लाख रुपये नगद और 70 हजार के नए नोटों वाले सेहरे चोरी कर ले गए।

मामले की करवाएंगे जांच : एडीसीपी

एडीसीपी जगजीत सिंह वालिया ने बताया कि अगर किसी पुलिसकर्मी ने इस तरह किया तो है गलत किया है। सारे मामले की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई भी हो सकती है।

मुदई को होगी परेशानी : कानून माहिर

कानून माहिर सुधीर शर्मा ने बताया कि वैसे पुलिस इस तरह के कारनामे अपराध छिपाने के लिए करती है। लेकिन पुलिस को यह नहीं पता कि इस तरह के मामलों में रिकवरी के दौरान मुदई को (शिकायतकर्ता) कितनी परेशानी होगी। अदालत में एफआइआर को लेकर कई झंझट खड़े हो जाएंगे।

इधर, सदर थाने में भी एक एफआइआर में निपटाए बाइक चोरी के दो केस

सदर थाने की पुलिस ने भी एफआइआर नंबर 103 में बाइक चोरी के दो केसों को निपटा दिया। पहले केस में लक्की शर्मा ने सदर पुलिस को बताया कि उन्होंने अपनी बाइक विजय नगर इलाके में पार्क की और किसी काम से चले गए। कुछ देर बाद लौटे तो बाइक अपने स्थान पर नहीं थी। इसी एफआइआर नंबर 103 में पुलिस ने गुरु नानक नगर निवासी विजय कुमार के बेटे संदीप की शिकायत भी दर्ज की है। संदीप के मुताबिक उसने अपनी बाइक घर के बाहर पार्क की थी। जिसे चोर गिरह के सदस्य चोरी कर ले गए।

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