अपहृत मासूम का पता लगाने में भी पुलिस नाकाम
मासूम बच्चे के अपहरण में देरी से कार्रवाई करने और आरोपित के खिलाफ केस दर्ज।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : मासूम बच्चे के अपहरण में देरी से कार्रवाई करने और आरोपित को गिरफ्तार नहीं करने के मामले में ब्यास थाने की पुलिस सवालों के घेरे में है। पीड़ित परिवार ने शुक्रवार की दोपहर एसएसपी स्वर्णदीप सिंह के समक्ष पेश होकर इंसाफ की गुहार लगाई है। एसएसपी भी एक मां का दुख सुनकर पसीज गए। उन्होंने केस की फाइल ब्यास थाने से मंगवाकर डीएसपी क्राइम अगेंस्ट विमन को दी और दो दिन में जांच पूरी करने के आदेश भी दिए हैं।
कुलदीप कौर ने आरोप लगाया कि एक सरपंच और ब्यास थाने के कुछ पुलिस मुलाजिम मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। सरपंच अपहरण करने वालों के इशारे पर उनकी एफआइआर पर न तो आरोपित की गिरफ्तारी होने दे रहा है और न ही पुलिस उनके बच्चे का पता लगा रही है। परिवार ने बताया कि सुखविदर सिंह उनका रिश्तेदार है। 23 दिसंबर को वह अपने एक मजदूर के साथ उनके घर पहुंचा और उनके बेटे वंशरूप को जबरदस्ती उठाकर ले गया। घटना के बाद उनका बेटा लौटकर नहीं आया। घटना के तुरंत बाद उन्होंने ब्यास थाने की पुलिस को शिकायत कर दी थी, बावजूद पुलिस ने 15 अप्रैल की रात सुखविदर सिंह और उसके साथी पर अपहरण का केस दर्ज किया। कुलदीप कौर ने आरोप लगाया कि सुखविदर सिंह इलाके में खुलेआम घूम रहा है और उसपर एफआइआर रद करवाने का दबाव भी बना रहा है। पीड़िता ने सीएम भगवंत मान, डीजीपी वीके भांवरा और एसएसपी स्वर्णदीप सिंह से इंसाफ की गुहार लगाई है। पुलिस कर्मियों पर खाली दस्तावेजों पर अंगूठा लगवाने का आरोप
कुलदीप कौर ने बताया कि बच्चे का पता लगाने और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने सीएम और डीजीपी को शिकायतें की है। इस बाबत बुधवार की सुबह दो पुलिसकर्मी उसके घर पहुंच गए। बेटे को जल्द मिलाने की बात कहकर दोनों कर्मियों ने उससे खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए। पीड़िता ने बताया कि उक्त दस्तावेजों का आरोपित गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।