बीमारी डायग्नोस करने वाला सेंटर ही बांट रहा बीमारियां

अमृतसर यह कोई गैरेज अथवा वर्कशॉप नहीं जिले का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Mar 2019 12:14 AM (IST) Updated:Tue, 12 Mar 2019 12:14 AM (IST)
बीमारी डायग्नोस करने वाला  सेंटर ही बांट रहा बीमारियां
बीमारी डायग्नोस करने वाला सेंटर ही बांट रहा बीमारियां

— गुरु नानक देव अस्पताल के डाग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत कर्मचारी अंदर खड़े कर रहे दोपहिया वाहन

- वाहनों का धुआं, टायरों में लगी गंदगी अस्पताल के भीतर पहुंच रही है, संक्रमण का खतरा

— पांच मंजिला इस इमारत में सीटी स्कैन, एमआरआइ, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित कई लैब टेस्ट

किए जाते हैं

फोटो — 8, 9

नितिन धीमान, अमृतसर

यह कोई गैरेज अथवा वर्कशॉप नहीं, जिले का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान गुरु नानक देव अस्पताल है। इस अस्पताल में स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर की इमारत में दोपहिया वाहन खड़े हैं। हर रोज सुबह नौ बजते ही विभाग के भीतर वाहनों की पार्किंग का सिलसिला शुरू हो जाता है।

दरअसल, इस पांच मंजिला इमारत में रेडियोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोकेमिस्ट्री विभाग हैं। इन विभागों में सीटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे एवं सभी लेबोरेट्री टेस्ट किए जाते हैं। नियमानुसार डायग्नोस्टिक सेंटर में किसी भी किस्म का संक्रमण नहीं होना चाहिए। दूसरी तरफ डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत कर्मचारियों ने अंदर ही अवैध स्टैंड बना दिया है, जहां वे अपने-अपने वाहन अंदर खड़े कर रहे हैं। इन दोपहिया वाहनों से निकलने वाला धुआं, टायरों के जरिए अंदर आने वाली गंदगी मरीजों को और कई भयानक रोगों का शिकार बना सकती है।

मेडिकल साइंस के मुताबिक सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीनों के आसपास धूल-मिट्टी व प्रदूषण का एक भी कण नहीं होना चाहिए। इससे इन मशीनों से निकलने वाली रिपोर्ट में एरर भी आ सकता है, पर न तो अस्पताल प्रशासन को इससे सरोकार है और न ही उन कर्मचारियों को जो यहां अपने वाहन खड़े कर रहे हैं।

डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि हम अपने वाहन पहले बाहर खड़ा करते थे। कुछ माह पूर्व दो कर्मचारियों के मोटरसाइकिल चोरी हुए। चूंकि डायग्नोस्टिक सेंटर में सीसीटीवी कैमरा नहीं है और दो ही सुरक्षा कर्मचारी तैनात हैं, इसलिए चोर बड़ी आसानी से मोटरसाइकिल पर हाथ साफ कर जाते हैं। यही वजह है कि अब कर्मचारी अपने मोटरसाइकिल अंदर ही खड़ा कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन से कई बार कहा कि डायग्नोस्टिक सेंटर में सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल किए जाएं, पर कोई नहीं सुनता। जो सुरक्षा कर्मचारी यहां लगाए गए हैं वे सेंटर के अंदर की सुरक्षा ही कर पाते हैं।

कर्मचारियों का तर्क अनुचित है। असल में गुरु नानक देव अस्पताल में दो पार्किंग स्थल हैं। कई एकड़ क्षेत्र में फैली इन पार्किंग में मरीजों के अटेंडेंट के वाहन खड़े करने की एवज में 20 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों के लिए सब कुछ निशुल्क है। ऐसे में यदि कर्मचारी अपने वाहन डायग्नोस्टिक सेंटर में खड़ा करते हैं तो यह उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। मरीजों की बीमारी डायग्नोस करने वाला यह सेंटर उन्हें कई बीमारियां बांट रहा है।

जो पहले होता रहा है वह अब नहीं होगा : डॉ. शिवचरण

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दो दिन पूर्व कुर्सी पर विराजमान हुए गुरु नानक देव अस्पताल के नवनियुक्त मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. शिवचरण का कहना है कि अस्पताल में पहले जो होता रहा है वह अब नहीं होगा। मैंने सुरक्षा कर्मचारियों को फटकार लगाई है कि वे अपनी ड्यूटी तरीके से करें। डायग्नोस्टिक सेंटर में वाहन खड़े नहीं होने दिए जाएंगे। मैं आज ही सेंटर के प्रभारी से बैठक कर यह सुनिश्चित करूंगा। सेंटर में जल्द सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल होंगे।

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