सेना का इलेक्‍ट्रीशियन निकला ISI जासूस, पुलवामा हमले के बाद पाक को भेजी खुफिया जानकारी

अमृतसर में एक आइएसअाइ एजेंट के पकड़े जाने से सनसनी फैल गई। एमईएस का यह इलेक्ट्रीशियन ने पुलवामा हमले के बाद सेना की खुफिया जानकारी पाकिस्‍तान भेजी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 09:52 AM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 09:38 AM (IST)
सेना का इलेक्‍ट्रीशियन निकला ISI जासूस, पुलवामा हमले के बाद पाक को भेजी खुफिया जानकारी
सेना का इलेक्‍ट्रीशियन निकला ISI जासूस, पुलवामा हमले के बाद पाक को भेजी खुफिया जानकारी

अमृतसर, जेएनएन। यहां मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज के एक इलेक्ट्रीशियन को पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इससे यहां सनसनी फैल गई। रामकुमार नामक इस व्‍यक्ति को भारतीय खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार किया है। उसने पुलवामा में आतंकी हमले के बाद आइएसआइ को सेना की खुफिया जानकारी और गतिविधियों के बारे में जानकारी दे रहा था। उधर, रामकुमार के पिता ने कहा कि बेटे की करतूत से परिवार शर्मसार है। रामकुमार गरीब परिवार से ताल्‍लुक रखता है।

मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज में इलेक्ट्रीशिय सेना के बारे में अहम जानकारियां पाक भेजता था

स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, चार सिम कार्ड, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद कर मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल एसएसओसी आरोपित के बैंक अकाउंट और सोशल मीडिया पर बने अकाउंट्स खंगाल रहा है। बताया जाता है कि आरोपित ने पुलवामा हमले के बाद सेना की कई अहम जानकारियां आइएसआइ को दी है।

छह माह से था सक्रिय, फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये भेजता था आइएसआइ के अपने आका को संदेश

जांच में खुलासा हुआ है कि वह पिछले छह महीने से एक्टिव था और  आइएसआइ से जुड़ा हुआ था। उसने व्हाट्सएप के जरिए आइएसआइ के आका को भारतीय सेना के कुछ बड़े अफसरों के मोबाइल नंबर भेजे थे। पता चला है राम कुमार ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश उसी समय डिलीट कर देता था। एसएसओसी के अधिकारी पंजाब पुलिस की साइबर शाखा से भी जांच में सहयोग ले रहे हैं।

एसएसओसी के इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि मूल रूप से फाजिल्का और वर्तमान में जालंधर के नलवा रोड स्थित दशहरा ग्राउंड के पास रहने वाला राम कुमार सेना की गुप्त जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को बेच रहा है। आरोपित राम कुमार जालंधर कैंट स्थित मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमइएस) में 2013 से बतौर इलेक्ट्रीशियन काम कर रहा है। इसके चलते उसे सेना की कई गुप्त जानकारियां और सेना के कई बड़े अधिकारियों के नंबर भी पता हैं।

दो मोबाइल, चार सिम कार्ड, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद

इसी आधार पर एसएसओसी ने जाल बिछाया और आरोपित को ब्यास के पास से धर लिया और अमृतसर के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल में केस दर्ज किया। पूछताछ में सामने आया है कि राम कुमार पिछले एक साल से आइएसआइ के एजेंट्स के संपर्क में था। आरोपित ने बताया कि पाकिस्तान आधारित इंटेलिजेंस ऑपरेटिव से सोशल मीडिया पर उसकी दोस्ती हुई। अकसर व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से वह उनसे बातचीत करता था।

बैंक डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगाल रही देश की एजेंसियां

उसको भारत-पाकिस्तान सरहद पर तैनात भारतीय सेना की इकाइयों, रक्षा दलों की हरकतों और विशेष सेना दलों की जानकारी देने के लिए कहा गया था। बताया जाता है कि राम कुमार भारत-पाक सीमा पर स्थित सेना की यूनिट्स, कंटीली तार के पास चलने वाली बीएसएफ की गश्त, सेना के चलने वाले काफिलों के अलावा कई महत्वपूर्ण जानकारियां सोशल मीडिया के द्वारा आइएसआइ को भेज चुका है।

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इसके एवज में उसे चार बार में 60 हजार रुपये मिल चुके हैं। उक्त राशि का भुगतान उसके बैंक खाते में किया जा चुका है। अब सुरक्षा एजेंसियां राम कुमार के बैंक खातों की डिटेल्स एकत्र कर रही हैं। उसका लैपटॉप और फोन खंगाला जा रहा है। पता किया जा रहा है कि सोशल साइट्स के मार्फत आरोपित आइएसआइ से क्या-क्या जानकारियां साझा कर चुका है।

राम कुमार के साथ काम करने वाले भी निशाने पर

खुफिया एजेंसियां पता लगा रही है कि आरोपित के कितने सहयोगी इसमें शामिल हैं। बताया जा रहा है कि राम कुमार के कुछ दोस्त और करीबियों पर भी एजेंसियों की नजर है। आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। शुक्रवार की शाम एसएसओसी ने राम कुमार को अमृतसर स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश कर 19 मार्च तक का पुलिस रिमांड हासिल किया है।

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पुलवामा हमले के बाद आइएसआइ एजेंट उससे करने लगा था अधिक बातचीत

आरोपित ने पूछताछ में बताया कि पुलवामा हमले के बाद आइएसआइ एजेंट ने उससे ज्यादा बातचीत करनी शुरू कर दी थी। पाक एजेंट उससे मांग कर रहे थे कि वह सीमा के पास सेना की ज्यादा से ज्यादा जानकारियां एकत्र कर भेजे। इसके अलावा सेना के बड़े अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी मांगे गए, ताकि उनकी जासूसी करवाई जा सके।

परिवार के लोग बोले- रामकुमार ने आइएसआइ के लिए जासूसी कर सिर शर्म से नीचा कर दिया

फाजिल्का। रामकुमार के पैतृक गांव फाजिल्‍का जिले के चुहड़ीवाला धन्ना में उसके परिजन मामले के खुलासे के बाद शर्मसार हैं। परिवार वालों का कहना है कि उसने हमारा सिर नीचा कर दिया है। जागरण की टीम उसके गांव पहुंची तो लोगों ने कहा कि रामकुमार की करतूत से हम सब को धक्‍का लगा है। उसके पिता ताराचंद तो बेहद आहत हैं। रामकुमार के अलावा परिवार के सभी सदस्य खेतीबाड़ी और मजदूरी का काम करते हैं।

रामकुमार के पिता ताराचंद।

राम कुमार के पिता ताराचंद ने कहा कि एेसे बेटे से अच्‍छा तो बेटा न हो। मायूसी में डूबे तारा चंद ने कहा कि वह हैरान हैं कि उनका बेटा एेसा कर सकता है।  तारा चंद ने बताया कि रामकुमार उनका छोटा बेटा है और उसकी उम्र 28 वर्ष है। रामकुमार ने इस देशविरोध गतिविधि से उनकी नाक कटा कर रख दी है। तारा चंद कहते हैं, गरीबी के कारण खुद पढ़ नहीं सके थे, लेकिन रामकुमार को पढ़ाया लिखाया और रोजगार के लायक बनाया।

उन्‍होेंने बताया कि राम कुमार ने गांव चुहड़ीवाला धन्ना में ही सरकारी हाई स्कूल से दसवीं पास की। दसवीं के बाद प्राइवेट करके बारहवीं करने की बात होती थी, उसके बाद उन्हें नहीं पता कि उसने आगे पढ़ाई की या नहीं। फिर फार्म भरने के बाद उसे एमईएस (मिलिट्री इंजीनियर सर्विस) में नौकरी मिल गई। पिछले पांच-छह वर्ष से वह जालंधर एमईएस में नौकरी कर रहा था और अभी अविवाहित है। कई बार डेढ़ माह से दो माह में एक बार घर जरूर आता है और तीन से चार दिन तक रहता था। इस दौरान उसकी कोई भी एेसी हरकत उन्हें पता नहीं चली, जिससे उन्हें कुछ शक होता।

दो-तीन हजार रुपये से ज्यादा पैसे नहीं दिए

राम कुमार के परिवार में पिता के अलावा मां लीला देवी, बड़ा भाई राजू, उसकी भाभी रहती है। बहन की शादी हो चुकी है। तारा चंद ने बताया कि बड़ा बेटा राज कुमार मजदूरी करता है और वह खेतीबाड़ी करके बमुश्किल से परिवार का गुजारा करते है। रामकुमार जब भी घर आता था तब उसने दो से तीन हजार रुपये से ज्यादा कभी नहीं दिए। राम कुमार के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है।

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