ंजच्चा-बच्चा की मौत मामले में जांच शुरू

जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में गत चार अगस्त को हुई जच्चा-बच्चा की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 11:52 PM (IST)
ंजच्चा-बच्चा की मौत मामले में जांच शुरू
ंजच्चा-बच्चा की मौत मामले में जांच शुरू

जागरण संवाददाता, अमृतसर: जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में गत चार अगस्त को हुई जच्चा-बच्चा की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को जिला परिवार भलाई अधिकारी डॉ. रबिदर सिंह सेठी ने सिविल अस्पताल की गायनी डॉक्टरों को जांच में शामिल किया। जांच पूरी करने के बाद वह शीघ्र ही सेहत विभाग को रिपोर्ट सौंपेंगे।

मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय में जिला परिवार भलाई अधिकारी डॉ. रबिदर सिंह सेठी, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मदन मोहन व सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा पर आधारित जांच कमेटी ने पड़ताल शुरू की। इसमें सिविल अस्पताल की गायनी डॉक्टरों को भी शामिल किया गया। एक गायनी डॉक्टर ने तर्क दिया कि वह शाम छह बजे अस्पताल पहुंची थी, तब तक जच्चा-बच्चा की मौत हो चुकी थी। गायनी डॉक्टरों के बयान कलमबद्ध कर जांच टीम ने उन्हें अस्पताल भेज दिया, लेकिन आगामी वीरवार को पुन: जांच में शामिल होने को कहा गया है। डॉ. रबिदर ने कहा कि दलजीत कौर की मौत के मामले की जांच अभी जारी है। जल्द ही सब कुछ सामने होगा। भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो, इसलिए सिविल अस्पताल में गायनी विभाग के डॉक्टरों का ड्यूटी रोस्टर तैयार किया गया है।

यह है मामला..

चार अगस्त को प्रसव पीड़ा से तड़प रही 22 वर्षीय दलजीत कौर नामक महिला को सिविल अस्पताल लाया गया था। स्वजनों का आरोप है कि वह छह घंटे तक दर्द से तड़पती रही, पर गायनी डॉक्टरों ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। परिणामस्वरूप दलजीत व उसकी कोख में पल रहे शिशु की जान चली गई। स्थानीय स्तर पर इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया। गायनी डाक्टरों की लापरवाही को भी उजागर नहीं किया गया, पर 'दैनिक जागरण' ने इस घटना को लगातार प्रकाशित कर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर खींचा। विभाग के सचिव अनुराग अग्रवाल ने इस मामले में लापरवाही की आशंका के मद्देनजर जांच के आदेश दिए और शीघ्र रिपोर्ट मांगी।

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