जीएनडीएच फिर सुर्खियों में: दर्जा चार कर्मियों ने आशा वर्कर को निकाली गालियां, थप्पड़ मारने का प्रयास

जागरण संवाददाता, अमृतसर गुरुनानक देव अस्पताल में स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Aug 2018 06:08 PM (IST) Updated:Sun, 19 Aug 2018 06:08 PM (IST)
जीएनडीएच फिर सुर्खियों में:  दर्जा चार कर्मियों ने आशा वर्कर को निकाली गालियां, थप्पड़ मारने का प्रयास
जीएनडीएच फिर सुर्खियों में: दर्जा चार कर्मियों ने आशा वर्कर को निकाली गालियां, थप्पड़ मारने का प्रयास

जागरण संवाददाता, अमृतसर

गुरुनानक देव अस्पताल में स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर में एक आशा वर्कर के साथ दु‌र्व्यवहार किया गया। आरोप है कि दो दर्जा चार कर्मचारियों ने आशा वर्कर को गालियां निकालीं और उसे थप्पड़ मारने की कोशिश कीं। इस घटना के विरोध में रविवार को आशा वर्करों का आक्रोश जमकर फूटा। आशा वर्करों ने बेबे नानकी सेंटर के डॉक्टरों व स्टाफ के खिलाफ अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। वहीं, दु‌र्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ थाना मजीठा रोड में शिकायत पत्र देकर एफआइआर दर्ज करने की मांग की।

आशा वर्कर अमरजीत कौर ने बताया कि वह सीता नामक एक गर्भवती महिला को बेबे नानकी सेंटर में लाई थी। सीता की डिलीवरी का समय नजदीक था। अस्पताल में सरकारी दवाएं व सर्जिकल सामान होने के बावजूद बेबे नानकी सेंटर के डॉक्टरों ने मुझे कहा कि वह निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं व सामान ले आए। मैं बाहर से दवाएं तो ले आई, पर 'पिटोसिन' नामक इंजेक्शन नहीं मिला। मैंने डॉक्टर को यह बात बताई तो उन्होंने कहा कि इंजेक्शन की जरूरत नहीं है।

अमरजीत के अनुसार सीता को लेबर रूम ले जाया गया। कुछ देर बाद दर्जा चार कर्मचारी मद्दी मेरे पास आया और उसने कहा कि पिटोसिन इंजेक्शन क्यों नहीं लाई। मैंने उसे बताया कि यह इंजेक्शन कहीं नहीं मिला। इस पर मद्दी ने मुझसे 200 रुपये मांगे और कहा कि वह उसे इंजेक्शन उपलब्ध करवा देगा। इधर, सीता की डिलीवरी हो चुकी थी। मैंने मद्दी से कहा कि अब इंजेक्शन की जरूरत नहीं है।

अमरजीत के अनुसार मद्दी के साथ राजेश नामक दर्जा चार कर्मचारी भी मुझसे दु‌र्व्यवहार करने लगा। मैंने उससे पूछा कि आप कौन हो तो उसने मुझसे गालीगलौज शुरू कर दिया। मुझे धक्के मारे और थप्पड़ मारने की कोशिश की। यदि मैं पीछे न हटती तो वह मुझे थप्पड़ मार भी देता। अमरजीत ने कहा कि ये दोनों दर्जा चार कर्मचारी गर्भवती महिलाओं को निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं दिलाने से लेकर पैसे वसूलने तक का काम करते हैं।

इस बदसलूकी के विरोध में आशा वर्करों ने अस्पताल परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। आशा वर्करों ने कहा बेबे नानकी सेंटर में गर्भवती महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। महंगी दवाएं और टेस्ट करवाए जाते हैं। दर्जा चार कर्मचारी मरीजों से पैसे लेकर दवाएं दिलवाते हैं और डॉक्टरों को भी मोटी कमीशन दी जाती है। इन दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो आशा वर्कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगी।

17 रुपये का इंजेक्शन बिकता है 200 में

पिटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल गर्भवती महिला को लेबर पेन यानी प्रसव पीड़ा देने में किया जाता है। वह भी तब जब महिला की नॉर्मल डिलीवरी की जाए। यह इंजेक्शन महज 17 रुपये में मिल जाता है, लेकिन बेबे नानकी केंद्र के कथित कर्मचारी अथवा निजी मेडिकल स्टोरों के का¨रदे मरीजों को 200 रुपये में उपलब्ध करवाते हैं।

दोनों दर्जा चार कर्मी हैं, कार्रवाई होगी : एमएस

गुरुनानक देव अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. सु¨रदर पाल ने कहा कि राजेश व मद्दी दर्जा चार कर्मचारी हैं। मद्दी की ड्यूटी लेबर रूम में है, जबकि राजेश किसी और वार्ड मे तैनात है। राजेश बेबे नानकी सेंटर में क्यों गया, यह जांच का विषय है। यदि आशा वर्कर के साथ वाकई ही दु‌र्व्यवहार हुआ है तो वह मुझे लिखकर दें। मैं दोनों दर्जा चार कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लूंगा। सिविल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को मिलता है दर्द

आशा वर्करों के प्रदर्शन में शामिल मास्टर सुच्चा ¨सह अजनाला ने कहा कि सीता को पहले सिविल अस्पताल लाया गया था। सिविल अस्पताल के स्टाफ ने यह कहकर उसे गुरुनानक देव अस्पताल भेज दिया कि उनके पास डॉक्टर नहीं हैं। सिविल अस्पताल में रात के समय डिलीवरी नहीं होती। हमने सिविल सर्जन डॉ. हरदीप ¨सह घई से आग्रह किया था कि आशा वर्करों को ईएसआइ अस्पताल में मरीजों को ले जाने की सुविधा दी जाए, क्योंकि सिविल अस्पताल व गुरुनानक देव अस्पताल में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि सिविल सर्जन ने अभी इस पर गौर नहीं किया।

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