25 हजार दे चेक दा मरहम नइ, वादे मुताबिक नौकरी देवे सरकार

अमृतसर जौड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों को कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने एक एनआरआइ के साथ मिलकर 25-25 हजार रुपए चेक बांटे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Feb 2019 12:17 AM (IST) Updated:Mon, 04 Feb 2019 12:17 AM (IST)
25 हजार दे चेक दा मरहम नइ, वादे मुताबिक नौकरी देवे सरकार
25 हजार दे चेक दा मरहम नइ, वादे मुताबिक नौकरी देवे सरकार

फ्लैग: रेल हादसे के पीड़ित परिवार एनजीओ के सहयोग से चेक देने पहुंचे मंत्री सोनी से बोले

सबहे¨डग------

-कहा, नौकरियों का वादा किया था, मगर 25-25 हजार रुपए का चेक देकर उनके बच्चों की मौत का मूल्यांकन न करें।

-एनआरआइ ने अपनी तरफ से किया था मदद का एलान, मंत्री पहुंचे थे मुख्य मेहमान के तौर पर...

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जागरण संवाददाता, अमृतसर

जौड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों को कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने एक एनआरआइ के साथ मिलकर 25-25 हजार रुपए चेक बांटे। चेक बांटने का कार्यक्रम माल मंडी एक स्कूल में रखा गया था। मंत्री सोनी करीब आधा घंटा तक कार्यक्रम में रुके और इसके बाद जब जाने लगे तो पीड़ित परिवारों की महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और अपना दुख सुनाने लगीं। मगर मंत्री साहिब वहां से किसी तरह खुद को बचाकर निकलते हुए दिखाई दिए। पीड़ित परिवार केवल अपनी बात रखना चाहते थे और 25 हजार का मरहम लगाने की जगह नौकरियों की मांग कर रहे थे। जिसका पंजाब सरकार ने वादा किया था।

पीडि़त परिवारों की मदद करने के लिए एनआरआइ म¨हदर ¨सह धीमान ने 25-25 हजार रुपए देने की घोषणा की थी। इसी के तहत आज कार्यक्रम रखा गया था। जब पीड़ित परिवारों को इकट्ठा किया गया और वहां पर मुख्य मेहमान ओपी सोनी ने आकर चेक देने शुरु किए। करीब आधा घंटा कार्यक्रम में रुक कर वह स्टेज से उतर कर जाने लगे तो 15-20 महिलाओं ने उन्हें आकर रोक लिया। पीडि़त परिवारों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और अपनी मांगें बताने लगे। मगर मंत्री साहब ने पूरी बात सुने बिना ही वहां से निकलना मुनासिब समझा। जब लोगो ने विरोध जाहिर किया तो मंत्री साहब ने बात सुनी और पीडि़तों को नौकरियों की मांग जल्द पूरी करवाने का आश्वासन दिया। इतनी देर में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से लोगों को हटाया गया व मंत्री सोनी वहां से जा सके ।

वहीं पीड़ित परिवारों ने कहा कि केवल 25-25 हजार रुपए देकर उनके बच्चों की मौत का मूल्यांकन किया जा रहा है। जबकि उनके परिवार उजड़ गए हैं और सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था। जिसे अभी तक पूरा नहीं किया जा रहा है।

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