दफ्तरी काम में नहीं उलझेंगे अध्यापक

अमृतसर अब दफ्तरी काम में अध्यापक नहीं उलझेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 06:35 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 06:35 PM (IST)
दफ्तरी काम में नहीं उलझेंगे अध्यापक
दफ्तरी काम में नहीं उलझेंगे अध्यापक

संवाद सहयोगी, अमृतसर

अब दफ्तरी काम में अध्यापक नहीं उलझेंगे। अक्सर नान टी¨चग काम करवाने को लेकर अध्यापक संगठन समय समय पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं। अध्यापकों का रोष रहता था कि नान टी¨चग काम में लगा कर उन्हें बच्चों को पढ़ाने के काम से दूर कर दिया जाता है जिससे स्कूलों का शैक्षणिक परिणाम खराब रहता था। स्कूल शिक्षा सचिव ने अध्यापकों की इस परेशानी को समझा और दो पृष्ठ का पत्र जारी किया है। जिसमें क्लर्कों द्वारा किए जाने वाले कामों का जिक्र किया है। पत्र की आखिरी लाइन में साफ तौर पर दर्ज है कि अध्यापकों से नान टी¨चग काम न लिया जाए। साथ ही स्कूल मुखियों को हिदायत दी है कि स्कूल में मौजूदा क्लर्क को पत्र में बताए गए कामों के अनुसार अलाटमेंट की जाए।

इस बात के मद्देनजर अध्यापकों को दफ्तरी काम से बचाने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार ने क्लर्कों से लिए जाने वाले कामकाज की व्याख्या की है। सचिव ने अपने पत्र में 14 क्लॉज निर्धारित किए हैं। शिक्षा सचिव के अनुसार सरकारी स्कूलों में क्लर्क द्वारा किए जाने वाले कामों में स्पष्टता लाने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट व सिफारिश के बाद स्कूलों में क्लर्क द्वारा किए जाने वाले काम निर्धारित किए गए हैं। प्रमुख रूप से क्लर्क स्टाफ की तनख्वाह, फीस, फंड मैनेज करना, जीपीएफ व जीआइएस, सेवा पत्री संबंधी, दफ्तरी कामकाज व रिकार्ड, ई-पंजाब संबंधी, कोर्ट केस संबंधी, ऑडिट संबंधी, ग्रांट संबंधी, मिड-डे मील, इंकम टैक्स संबंधी, वजीफा रिकार्ड, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी, दफ्तरी काम के अलावा समूचे प्रबंध में स्कूल मुखी को सहयोग करना शामिल है।

फोटो सहित बाक्स: एसोसिएशन ने किया शिक्षा सचिव के पत्र का विरोध

क्लेरिकल एसोसिएशन ने शिक्षा सचिव के इस पत्र का विरोध किया है। क्लेरिकल यूनियन ने कहा कि सरकार को क्लर्कों से काम करवाना है तो उन्हें अन्य नान टी¨चग स्टाफ में भी यह काम बांटना होगा। पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन शिक्षा विभाग के प्रेस सचिव अमन थरियेवाल ने कहा है कि एक क्लर्क को दो स्कूल हाई दिए गए हैं। दोनों स्कूलों में अंतर 70 किलोमीटर की दूरी है। एक दिन एक स्कूल में ड्यूटी व दूसरे दिन दूसरे स्कूल की ड्यूटी निभाता है। ऊपर से बीएलओ ड्यूटी लगाई गई है। एक क्लर्क के सिर पर विभाग बहुत बोझ डाल रहा है। सरकार बताए कि क्लर्क क्या काम करे। बीएलओ डयूटी निभाए या दो-दो स्कूल संभाले। यह सरकार का गलत फरमान है। स्कूल के वृक्षों की संभाल क्लर्क करे। यह काम लाइब्रेरियन, एसएलए, रिस्टोरर व अन्य नान टी¨चग के अलग अलग कैटागिरी में यह काम बांटा जाए। ताकि कम से कम क्लर्क को राहत मिल सके। क्लर्क को काम करने के लिए माहौल उपलब्ध करवाया जाए। एक समुचित दफ्तर दिया जाए।

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