लूथरा मार्केट की गली उखड़ी, लोग हो रहे हादसों का शिकार

अमनदीप ¨सह, अमृतसर वार्ड नंबर 49 के गुरु बाजार स्थित गली लूथरा मार्केट में पिछले कई दिनों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Jul 2018 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 17 Jul 2018 07:20 PM (IST)
लूथरा मार्केट की गली उखड़ी, लोग हो रहे हादसों का शिकार
लूथरा मार्केट की गली उखड़ी, लोग हो रहे हादसों का शिकार

अमनदीप ¨सह, अमृतसर

वार्ड नंबर 49 के गुरु बाजार स्थित गली लूथरा मार्केट में पिछले कई दिनों से गली नई बनाने के लिए उखाड़ी गई है। गली में दो स्कूल व कई लोग की दुकानें हैं। गली पूरी तरह से उखड़ी होने के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो चुका है। गली उखाड़ते वक्त सीवरेज की पाइपें भी उखाड़ी गई जिससे सीवरेज की गंदगी सड़कों पर बिखरी पड़ी है। जिस कारण क्षेत्रवासी, स्कूली बच्चों व राहगिरों का कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

इस सबंध में दैनिक जागरण को ¨प्रसिपल जुगल किशोर, गोल्डी, अनूप शर्मा, रवि कुमार, शिव कुमार आदि ने बताया कि गली पूरी तरह से उखाड़ी गई है। जिस कारण लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो चुका है। उन्होंने बताया कि दो स्कूल व 1500 बच्चे गली से निकलते हैं। जिस कारण यह गली गुरु बाजार, गुरु कामहल व अन्य कई क्षेत्रों को जोड़ती है। घनी आबादी होने वाले इस क्षेत्र में लोगों का इस गली से निकलना मुश्किल हो चुका है। कई बार पार्षद को इस समस्या के बारे में बताया गया, लेकिन पार्षद ने अभी तक समस्या का कोई भी हल नहीं करवाया है। जबकि इस परेशानी के चलते कई लोग घायल हो चुके है। कई लोग रात के समय सीवरेज के लिए खोदे गए गड्ढों में भी गिर चुके हैं। लोगों ने कहा कि क्या पार्षद को बच्चों पर भी तरस नहीं आता। कई स्कूली बच्चे भी गिरकर चोटिल हो चुके हैं। छुट्टी के वक्त सभी बच्चों को खुद गली से बाहर ले जाना पड़ता है।

समस्या का होगा हल: पार्षद

पार्षद मीतांजली शर्मा ने कहा कि गली बनाने वाले ठेकेदार ने उन्हें पूछे बिना गली को तोड़ दिया। लेकिन अब लोग उनके पास समस्या लेकर आ रहे है। ठेकेदार का कोई पेमेंट का मसला लगता है। वह फिर भी लोगों की समस्या का हल करवाएंगी।

गड्ढों में भरा सीवरेज का पानी

1.5 व 2.5 फुट के गड्ढों में सीवरेज का पानी भरा रहता है। जिस कारण रात के समय में यह गड्ढे लोगों के हादसों का कारण बनते है। बारिश का मौसम होने से थोड़ी सी बारिश होने पर पूरी गली कीचड़ व गंदगी से भर जाती है। बच्चों को स्कूल से लेने आते पेरेंट्स को भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।

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