पीएसपीसीएल कर्मियों के बिना 24 घंटे कैसे देगा सप्लाई

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) से कर्मचारी रिटायर होते जा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2017 01:10 AM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2017 01:10 AM (IST)
पीएसपीसीएल कर्मियों के बिना 24 घंटे कैसे देगा सप्लाई
पीएसपीसीएल कर्मियों के बिना 24 घंटे कैसे देगा सप्लाई

जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) से कर्मचारी रिटायर होते जा रहे हैं। रिटायर होने वाले कर्मचारियों के स्थान पर नई भर्ती नहीं हो रही है और पावरकॉम कर्मियों की कमी से जूझ रहा है। कर्मियों की कमी के चलते एक-एक कर्मचारी 3-4 कर्मचारियों के बराबर काम करने को मजबूर है। पैडी सीजन में कमर्शियल व क्लेरिकल स्टाफ को टेक्निकल स्टाफ के साथ ड्यूटी देनी पड़ती है। फरवरी-मार्च का महीना आने पर टेक्निकल स्टाफ को रिकवरी के काम पर लगा दिया जाता है। इसे लेकर आए दिन ही पावरकॉम यूनियनें रोष प्रदर्शन भी करती हैं। पावरकॉम के कैश काउंटरों पर भी गिनती के कर्मचारी ही बचे हैं, जिससे कर्मचारियों व उपभोक्ताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पावरकॉम द्वंारा 4000 लाइनमैनों के नियुक्ति पत्रों को लेकर भी आए दिन रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि विभाग में कई पोस्टें खाली पड़ी हुई हैं, जिन्हें भरने के लिए भर्ती नहीं की जा रही है।

साल 1997 में थे 1,10,000 कर्मी

पीएसपीसीएल के टेक्निकल स्टाफ यूनियन (टीएसयू) के प्रधान मदन लाल शर्मा ने बताया कि पीएसपीसीएल में साल 1997 में लगभग 1 लाख 10 हजार कर्मचारी थे, जो वर्तमान समय में 40 हजार के करीब रह गए हैं। उन पर काम का बोझ कम, कनेक्शन कम, एचटी-एलटी लाईनों की लंबाई कम और ट्रांसफार्मर भी कम थे। वर्तमान समय में पंजाब में लगभग 40,000 के करीब ही कर्मचारी बचे हैं। आज की तारीख में कनेक्शनों की बढ़ोतरी भी कई गुणा हो गई है। कर्मचारियों की कमी के चलते लोगों द्वारा की जाने वाली शिकयतें भी समय पर हल नहीं हो पाती हैं। वर्तमान समय में शिकायतों पर दिन में दो कर्मचारी व रात को एक कर्मचारी ड्यूटी पर होता है। पावरकॉम के कुछेक भर्तियां तो निकाली थीं, मगर निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है।

खतरा मोल लेकर काम करते हैं कर्मचारी

पीएसपीसीएल के टेक्निकल स्टाफ यूनियन (टीएसयू) के प्रधान मदन लाल शर्मा का कहना है कि विभागीय स्टाफ को आए दिन खतरा मोल लेकर बिजली के खंभों पर काम करना पड़ता है। विभाग ने उन्हें सेफ्टी किट तक भी मुहैया नहीं करवाई हैं। सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से ही पिछले समय में काम करते हुए कई कर्मचारियों की जान चली गई थी।

स्टाफ भर्ती करना है सरकार का काम: इंजी. जगजीत सिंह सुच्चू

पीएसपीसीएल के बार्डर चीफ इंजीनियर जगजीत सिंह सुच्चू ने बताया कि

पीएसपीसीएल द्वंारा उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई करने के लिए कर्मियों की संख्या से कोई संबंध नहीं है। पीएसपीसीएल द्वारा उपभोक्ताओं को बिना पावरकंट के बिजली सप्लाई देने के लिए नए बिजली घर स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें एक गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच), एक गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) और एक सुलतानविंड शामिल है। उन्होंने कहा कि स्टाफ की नई भर्ती संबंधी फैसला सरकार को लेना है।

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