बिक्रम हत्याकांड : इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 दोषी करार

अदालत ने इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 लोगों को शुक्रवार शाम दोषी करार दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jul 2019 12:08 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jul 2019 12:08 AM (IST)
बिक्रम हत्याकांड : इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 दोषी करार
बिक्रम हत्याकांड : इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 दोषी करार

जागरण संवाददाता, अमृतसर : अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा की अदालत ने इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 लोगों को शुक्रवार शाम दोषी करार दिया है। कुल 14 दोषियों में से एक एएसआइ बलजीत सिंह को अदालत ने गैर हाजिर रहने पर भगोड़ा घोषित कर दिया है। सारे मामले में दो 12 पुलिस कर्मी और दो आम लोग शामिल हैं। फिलहाल कोर्ट ने सजा सुनाने की अगली तारीख आठ जुलाई तय की है।

बिक्रम सिंह गुमटाला जेल में हत्या के मामले में सजा काट रहा था। दो जून, 2014 को बिक्रम की तबीयत खराब हुई तो उसे जीएनडीएच में भर्ती किया गया। तब इंस्पेक्टर नौरंग सिंह बटाला में सीआइए इंचार्ज तैनात था। वह छह जून 2014 को पुलिस मुलाजिमों के अस्पताल पहुंच गया। न्यायिक हिरासत में बंद बिक्रम को अस्पताल से जबरदस्ती उठा लिया और बटाला ले गए। पुलिस ने उसे बटाला की ही ट्रैक्टर वर्कशॉप में थर्ड डिग्री टार्चर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद बिक्रम का शव आनंदपुर साहिब के पास नहर में फेंक दिया। सिविल लाइन थाने की पुलिस ने तब इंस्पेक्टर नौरंग सिंह सहित 14 लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था। मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने 22 जून 2014 को कीरतपुर साहिब नहर से बिक्रम का शव बरामद कर लिया था। बिक्रम के शव पर कई चोटों के निशान थे। इसके बाद सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

इनकी किस्मत का आठ जुलाई को होगा फैसला

सिविल लाइन थाने की पुलिस ने 6 जून-2014 को एएसआइ बलजीत सिंह, हवलदार जगजीत सिंह, रिटा. हवलदार गुरप्रीत सिंह, रिटा. हलवदार लखविदर सिंह, हेड कांस्टेबल अमनदीप सिंह, हवलदार मखदूल सिंह, हवलदार अंग्रेज सिंह, हवलदार रंधीर सिंह, एएसआइ गुलशनबीर सिंह, एएसआइ सविदर सिंह, बटाला के गैंसपुर निवासी दीपराज सिंह और चाटीविड निवासी जगतार सिंह के खिलाफ अपहरण, हत्या और जालसाजी के आरोप में केस दर्ज किया गया था। मामले में जगतार सिंह और दीपराज सिंह पुलिस के खबरी थे।

हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा नौरंग सिंह

दोषी करार सुनाए जाने के समय पुलिस के उक्त 11 कर्मी काफी खौफ में थे। सभी न्यायधीश के समक्ष हाथ जोड़ कर खड़े थे कि कुछ रहम मिल सके। नौरंग सिंह के माथे पर बार-बार पसीना देखा जा रहा था। जैसे ही न्यायधीश ने फैसला सुनाया तो इंस्पेक्टर नौरंग गुमसुम-सा हो गया। न्यायाधीश के जाने के बाद पूछने पर दोषी इंस्पेक्टर ने बताया कि वह अपील के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

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