Vice President Election 2022: विपक्ष की एकजुटता को बड़ा झटका, उपराष्‍ट्रपति चुनाव में हिस्‍सा नहीं लेगी TMC

Vice President Election 2022 उपराष्‍ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकजुटता को बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) उपराष्‍ट्रपति चुनाव में हिस्‍सा नहीं लेगी। पार्टी नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि टीएमसी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Jul 2022 05:59 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jul 2022 10:06 PM (IST)
Vice President Election 2022: विपक्ष की एकजुटता को बड़ा झटका, उपराष्‍ट्रपति चुनाव में हिस्‍सा नहीं लेगी TMC
उपराष्‍ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (TMC) हिस्‍सा नहीं लेगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता।  Vice President Election 2022: उपराष्‍ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकजुटता को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का निर्णय किया है। ममता बनर्जी की पार्टी राजग व विपक्ष, दोनों के ही उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगी। वह मतदान में ही हिस्सा नहीं लेगी। बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को शहीद दिवस रैली खत्म होते ही कालीघाट स्थित अपने निवास स्थल पर पार्टी के समस्त लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों के साथ बैठक की, जिसमें उक्त निर्णय लिया गया।

बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल, जिसके संसद के दोनों सदनों को मिलाकर 35 सदस्य हैं, उनसे बातचीत व सलाह-मशविरा किए बिना, जिस तरह से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार का चयन किया गया, उसे देखते हुए पार्टी ने उसका समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। राजग की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के समर्थन का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि बंगाल के राज्यपाल रहते उन्होंने एकतरफा काम किया है।

बैठक में पार्टी के 85 प्रतिशत सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लेने की इच्छा जताई, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या इसे विपक्षी एकता में दरार के तौर पर नहीं देखा जाएगा, इसके जवाब में अभिषेक ने कहा कि राष्ट्रपति अथवा उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करना ही विपक्षी एकता का परिचायक नहीं है। इसके लिए मनोभाव बदलना होगा। अभिमान त्यागकर सड़क पर उतरकर साथ में आंदोलन करना होगा। पार्टी के सिद्धांत में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। टीएमसी आने वाले समय में भी सभी विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श के लिए तैयार है। अभिषेक ने आगे कहा कि आने वाले समय में भाजपा के खिलाफ टीएमसी और आक्रामक रुख अख्तियार करेगी।

ममता बोलीं-यशवंत सिन्हा के समर्थन में और ज्यादा वोट जुटा सकती थी

कोलकाता में आयोजित तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली में ममता बनर्जी ने दावा किया कि अगर वह चाहतीं तो विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में और ज्यादा वोट जुटा सकती थीं, लेकिन उन्होंने जानबूझकर इससे परहेज किया। दूसरी ओर, भाजपा ने उनकी टिप्पणी का उपहास उड़ाया है। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजनीति में अकेली होती जा रही हैं। किसी को उन पर भरोसा नहीं है। इस तरह की टिप्पणी उनकी कुंठा को दर्शाती है।

शरद पवार ने की थी उम्मीदवारी की घोषणा

पिछले रविवार को 17 विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था कि आप और तृणमूल कांग्रेस भले ही बैठक में नहीं आयी हों, मगर दोनों पार्टियां अल्वा का समर्थन करेंगी। शरद पवार ने झामुमो के भी उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साथ होने की बात कही थी।

विपक्षी खेमे की एकजुटता में दरार

उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार के रूप में मार्गरेट अल्वा ने पिछले मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। हालांकि, अल्वा के नामांकन के समय तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की गैरमौजूदगी साफ इशारा कर रही है विपक्षी खेमे की एकजुटता में दरार है। इस मौके पर कांग्रेस के नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, सपा नेता रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा, शिवसेना के संजय राउत समेत कई अन्य विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे।

संसद भवन में निर्वाचन अधिकारी लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के समक्ष मार्गरेट अल्वा ने अपना नामांकन दाखिल किया। वैसे टीएमसी और आप विपक्षी खेमे के उम्मीदवार को वोट करती भी हैं तो भी एनडीए उम्‍मीदवार जगदीप धनखड़ की उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत तय है।

एनडीए के पास संसद में पर्याप्‍त संख्‍या बल

ज्ञात हो कि एनडीए-भाजपा के पास लोकसभा और राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल है। उपराष्‍ट्रपति चुनाव में वाइएसआर कांग्रेस, बीजेडी, अन्नाद्रमुक आदि ने भी जगदीप धनखड़ का समर्थन करने की घोषणा पहले ही कर दी है। जबकि विपक्षी दलों के उपराष्ट्रपति चुनाव में एकजुट होने के शरद पवार के बयान के विपरीत तृणमूल कांग्रेस और आप अल्वा के नामांकन के महत्वपूर्ण मौके पर नहीं आयीं। इतना ही नहीं, इन दोनों दलों के किसी सांसद ने अल्वा के प्रस्तावक और अनुमोदक के रूप में हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अब तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्‍ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।

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