कर्नाटक में शिरूर मठ के प्रमुख का निधन, जहर दिए जाने की आशंका

शिरूर मठ के प्रमुख श्री लक्ष्मीवरा तीर्थ स्वामीजी नहीं रहे। डॉक्टरों ने उन्हें जहर दिए जाने की आशंका व्यक्त की है।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 08:12 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 10:17 AM (IST)
कर्नाटक में शिरूर मठ के प्रमुख का निधन, जहर दिए जाने की आशंका
कर्नाटक में शिरूर मठ के प्रमुख का निधन, जहर दिए जाने की आशंका

मेंगलुरु, कर्नाटक (प्रेट्र)। उडुपी स्थित शिरूर मठ के प्रमुख श्री लक्ष्मीवरा तीर्थ स्वामीजी (54) का गुरुवार को मनिपाल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। डॉक्टरों ने उन्हें जहर दिए जाने की आशंका व्यक्त की है।मठ के सूत्रों ने बताया कि खून की उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के बाद स्वामीजी को बुधवार को मनिपाल के केएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के मुताबिक, जब उन्हें वहां लाया गया था तो उनकी हालत बेहद गंभीर थी। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया, खून चढ़ाया गया और डायलिसिस किया गया। फिर भी उनकी हालत बिगड़ती चली गई। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अवनीश शेट्टी ने बताया कि मानकों के मुताबिक स्वामीजी की मौत की सूचना पुलिस को दे दी गई। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही तथ्य सामने आ पाएंगे।

उधर, स्वामीजी के भाई लथव्या आचार्य ने मामले में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए उडुपी पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि स्वामीजी को जहर देकर मारा गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शिरूर मठ में पुलिस तैनात कर दी गई है। वहीं, बेंगलुरु में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने स्वामीजी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि अगर संदेह है और जांच कराने की जरूरत है तो इस पर विचार किया जाएगा।

मालूम हो कि मई में स्वामीजी उस समय विवादों में आ गए थे जब उन्होंने भाजपा या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। लेकिन बाद में उन्होंने अपना इरादा त्याग दिया था। इसके अलावा कुछ महीनों पहले उनके मठ के देवताओं की मूर्तियों को लेकर भी खूब विवाद हुआ था। उन्होंने अपनी बीमारी के चलते मूर्तियों की सेवा के लिए उन्हें अदमार मठ के ईशप्रिय तीर्थ स्वामी को सौंप दिया था। जब बाद में वह ठीक हो गए तो उन्होंने मूर्तियां वापस मांगी। लेकिन अष्ठ मठ के छह प्रमुखों ने मूर्तियां देने से इन्कार कर दिया। बाद में मूर्तियां लौटाने के लिए उन्होंने एक शर्त रखी। उनका कहना था कि लक्ष्मीवरा तीर्थ स्वामी को एक जूनियर की नियुक्ति करनी होगी। यह बात लक्ष्मीवरा तीर्थ स्वामी को मंजूर नहीं थी और उन्होंने उनके खिलाफ केस दर्ज करने की धमकी भी दी थी।

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