पश्चिम बंगाल में तृणमूल सांसदों, विधायकों व शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ी

मालदा रेंज के डीआइजी ने विधायकों को साथ लेकर इंग्लिश बाजार थाने में बैठक की। बैठक में जिले के विधायकों को एक-एक सुरक्षाकर्मी मुहैया करने का फैसला किया गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 11:08 PM (IST) Updated:Tue, 12 Feb 2019 11:08 PM (IST)
पश्चिम बंगाल में तृणमूल सांसदों, विधायकों व शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ी
पश्चिम बंगाल में तृणमूल सांसदों, विधायकों व शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ी

जागरण संवाददाता, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कृष्णगंज में तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की सरेआम गोली मारकर हत्या के बाद राज्यभर में सत्तारूढ़ दल के सांसदों, विधायकों व शीर्ष नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खासकर, उत्तर बंगाल के कूचबिहार एवं मालदा एवं दक्षिण बंगाल के माओवाद प्रभावित पुरुलिया जिले को लेकर राज्य पुलिस एवं खुफिया विभाग काफी सतर्क है। तृणमूल सांसदों, विधायकों एवं नेताओं को भी सावधान रहने को कहा गया है।

कूचबिहार से सांसद पार्थ प्रतिम राय और सिताई से विधायक जगदीश शर्मा बसुनिया के सुरक्षाकर्मियों की संख्या एक से बढ़ाकर दो की जा रही है। दूसरी तरफ कूचबिहार दक्षिण से विधायक मिहिर गोस्वामी ने सुरक्षाकर्मी रखने से इन्कार कर दिया है। सोमवार को उनके पास दो सुरक्षाकर्मी भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने उन्हें लौटा दिया। मिहिर गोस्वामी का कहना है कि वह खुद को साधारण तृणमूल कर्मी मानते हैं, इसलिए उन्हें सुरक्षाकर्मी की जरूरत नहीं है।

दूसरी तरफ राज्य पुलिस के मालदा रेंज के डीआइजी सुजीत सरकार ने विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने जिले के विधायकों को साथ लेकर इंग्लिश बाजार थाने में बैठक की। बैठक में जिले के विधायकों को एक-एक सुरक्षाकर्मी मुहैया करने का फैसला किया गया। बैठक में तृणमूल के अलावा कांग्रेस व वाममोर्चा के विधायक भी शामिल हुए। इसी तरह पुरुलिया और रघुनाथपुर के दो नपा प्रधानों को भी जिला पुलिस की ओर से एक-एक सुरक्षाकर्मी मुहैया कराया गया है।

प्रमुख जनप्रतिनिधियों के सुरक्षाकर्मी को एके-47 से लैस किया जाएगा। प्रशासन की ओर से किसी भी जनप्रतिनिधि के किसी भी इलाके में जाने से पहले वहां के थाना प्रभारी को सूचित करने को कहा गया है।

राज्य के पश्चिमांचल विकास मंत्री शांतिराम महतो ने कहा-'हम आम लोगों के बीच जाकर काम करते हैं। आम लोग ही हमारा हथियार हैं, लेकिन अभी भाजपा जिस तरह से खून-खराबा वाली राजनीति कर रही है, उसमें हमें काफी सतर्क होकर रहना पड़ेगा।' राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था कहां बढ़ाने की जरुरत है, यह रिव्यू कमेटी तय करती है।

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