सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी पर दावा करने की तारीख बढ़ाई

एनआरसी कोआर्डिनेटर की रिपोर्ट पर केंद्र की ओर से प्रतिक्रिया देने के लिए कोर्ट ने दो सप्‍ताह का समय दिया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 02:55 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 05:18 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी पर दावा करने की तारीख बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी पर दावा करने की तारीख बढ़ाई

नई दिल्ली, प्रेट्र। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर दावा और आपत्ति करने की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी है। जस्टिस रंजन गोगोई और आरएफ नरीमन की पीठ ने एनआरसी के राज्य संयोजक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट को देखने के बाद यह आदेश दिया। इसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति द्वारा नागरिकता के लिए 'लिस्ट ए' में सुझाए गए 10 में से किसी एक दस्तावेज पर विश्वास किया जा सकता है।

खंडपीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और अन्य पक्षकारों को हजेला की रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने हजेला की रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ साझा करने से भी इन्कार कर दिया। इसने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार की इस मामले में बहुत ज्यादा दिलचस्पी है। लेकिन, अदालत को संतुलन बनाकर चलना होगा।

जब वेणुगोपाल ने अपनी मांग पर जोर देते हुए कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद ही मैं इस पर अपना जवाब दे सकता हूं, तो कोर्ट ने कहा कि इस समय नहीं। जिन दस्तावेजों पर भरोसा किया जा सकता है, हम उनका जिक्र अपने फैसले में करेंगे। तब आप देख लीजिएगा। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।

इससे पहले 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को बड़ी मानवीय समस्या बताते हुए हजेला को बंद लिफाफे में रिपोर्ट देने को कहा था। अदालत ने कहा था कि वह हाल में एनआरसी में शामिल लोगों की जांच स्वतंत्र टीम से कराने की मांग पर विचार कर सकता है। उल्लेखनीय है कि 30 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का आखिरी मसौदा जारी हुआ था। इसमें 40 लाख से ज्यादा लोगों का नाम शामिल नहीं था। इन लोगों के बारे में कहा गया कि वे अपनी नागरिकता के वैध दस्तावेज नहीं दे पाए।

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