राजनाथ सिंह बोले, बालिका शिक्षा, स्वच्छ पर्यावरण को आर्य समाज ने दिया बढ़ावा

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश और समाज की बेहतरी के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान की सराहना की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Oct 2018 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 28 Oct 2018 10:54 PM (IST)
राजनाथ सिंह बोले, बालिका शिक्षा, स्वच्छ पर्यावरण को आर्य समाज ने दिया बढ़ावा
राजनाथ सिंह बोले, बालिका शिक्षा, स्वच्छ पर्यावरण को आर्य समाज ने दिया बढ़ावा

नई दिल्ली, प्रेट्र। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश और समाज की बेहतरी के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वामी जी द्वारा स्थापित आर्य समाज लड़कियों की शिक्षा और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है। इसका कार्य अनुकरणीय है।

राजनाथ रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में आर्य समाज के चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था, 'भारत की ताकत भारतीयता है। यह सांस्कृतिक एकता में निहित है। जितनी अधिक एकजुटता होगी, भारत उतना ही शक्तिशाली होगा।'

बकौल राजनाथ, 'भारत न केवल देश बल्कि पूरे विश्व और मानवता के कल्याण के लिए ताकतवर होना चाहता है।' उनके अनुसार, 'भारत एक ऐसा देश है, जिसने पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम् (पूरा विश्व एक परिवार है) की अवधारणा दी। प्राचीन भारत में ऋषि मुनियों ने मानवता का संदेश फैलाया। उन्होंने संस्कृति का प्रसार न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में किया।' गृह मंत्री ने देश की मौजूदा समस्याओं के समाधान के लिए आर्य समाज द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

राजनाथ ने आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस संगठन का भारतीय समाज में काफी योगदान है, क्योंकि यह लोगों की भलाई के लिए अथक कार्य करता आ रहा है। उनका कहना था कि आज प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन गई है और दुनिया इसका मुकाबला करने के लिए कदम उठा रही है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने इस मुद्दे को पहचाना और पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए यज्ञ करने की परंपरा शुरू की।

सिंह के मुताबिक, पेड़ नहीं काटने, बालिकाओं को शिक्षित करने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने जैसी शिक्षाएं पहले से ही भारतीय संस्कृति में हैं। स्वामी दयायनंद यह संदेश दुनिया को देना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। राजनाथ ने कहा कि दुनिया के पास अब भी वह ज्ञान नहीं है, जो हमारे वेदों में मौजूद है।

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