राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षा समारोह में बोले पीएम मोदी- देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र को और प्रभावी बनाने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गांधीनगर जिले के लावाड में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के पहले दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद आंतरिक सुरक्षा तंत्र में सुधार की जरूरत थी लेकिन इस ओर ध्‍यान नहीं दिया गया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Mar 2022 11:09 PM (IST) Updated:Sat, 12 Mar 2022 11:44 PM (IST)
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षा समारोह में बोले पीएम मोदी- देश के आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र को और प्रभावी बनाने की जरूरत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षा समारोह को संबोधित किया।

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आंतरिक सुरक्षा क्षेत्र काफी विशाल है। पुलिस, सेना, न्याय, जेल आदि क्षेत्रों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर इसे और अधिक प्रभावशाली बनाए जाने की जरूरत है। आजादी के बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया जिसके कारण हम इस क्षेत्र में पिछड़ गए। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्मों व अखबारों ने समाज में पुलिस का हमेशा भद्दा चेहरा पेश किया है लेकिन कोरोना महामारी के दौरान पुलिस के सेवाभाव से जनमानस में उसका मानवीय चेहरा उभरा।

समूचे सुरक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने की दरकार

गांधीनगर के लवाड गांव में स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के पहले दीक्षा समारोह व नए भवन के लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा क्षेत्र महज पुलिस के लिए नहीं है। समूचे सुरक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए कुशल और प्रशिक्षित मानवशक्ति की जरूरत है जो अपराध अन्वेषण के साथ अपराधी की मानसिकता को भी समझ सके। लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते हुए आंदोलन करने वाले लोगों व युवाओं से बेहतर संवाद के जरिये उसका श्रेष्ठ समाधान ला सके।

रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण जरूरी 

अंग्रेजों के जमाने में कानून एवं व्यवस्था का उद्देश्य महज अंग्रेजी सत्ता को बचाकर रखना था इसलिए इसे लंबी चौड़ी कदकाठी के लोग व हाथ में डंडे से जोड़ कर सीमित रखा गया। अब दिव्यांग भी प्रशिक्षण पाकर रक्षा क्षेत्र में अपना अनूठा योगदान कर सकते हैं।

आधुनिक तकनीक का हो इस्‍तेमाल

प्रधानमंत्री ने कहा कि जेलों की व्यवस्था को भी सुधारने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग जरूरी है। विशेषज्ञों को जेल में भेजकर अपराध की प्रकृति व अपराधी की मानसिकता का अध्ययन कराया जाए ताकि अपराधी को जेल से एक अच्छा नागरिक बनाकर निकाला जा सके। मोदी ने कहा सेना, पुलिस जवानों के तनाव को कम करने के लिए पहले कोई व्यवस्था नहीं थी लेकिन आज बडे़ पैमाने पर योग शिक्षक भर्ती किए जा रहे हैं।

साइबर विशेषज्ञों की जरूरत

मोदी ने कहा 12 मार्च नमक सत्याग्रह के लिए जाना जाता है, इस दिन दुनिया को भारत ने गांधीजी के अगुवाई में सामूहिक शक्ति का अहसास कराया। साइबर युग में अपराधी आधुनिक तकनीक से सुसज्ज होकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं इसलिए उन्हें पकड़ने के लिए भी आधुनिक तकनीक व साइबर विशेषज्ञों की जरुरत है। प्रधानमंत्री ने बताया कि जब इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही थी तब इस क्षेत्र से जुडे़ दुनिया के कई नामी संस्थानों को देखकर अलग अलग जगहों से विविध विषयों के विशेषज्ञों को लाया गया।

अपराधियों को पकड़ने की दर बढ़ी : शाह

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते पुलिस थानों का 100 फीसदी कंप्यूटराइजेशन कर इंटरनेट से जोड़ दिया जिसके कारण अपराधियों को पकड़ने की दर बढ़ी है। उच्च तकनीक का एक साफ्टवेयर भी उस वक्त तैयार करा कर थानों को दिया गया था। शाह ने बताया कि जेल सुधार, फारेंसिक साइंस लैब, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी को आधुनिकीकरण एवं प्रशिक्षण से जोड़ने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने 2002 से 2013 के बीच ही कर दिया था।

सुरक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय काम

शाह ने कहा कि कानून, रक्षा शक्ति एवं फारेंसिक साइंस लैब यह तीनों कानून व्यवस्था के अहम पहलू हैं जिन्हें आपस में जोड़कर मोदी ने इस क्षेत्र में एक अतुलनीय काम किया। प्रधानमंत्री मोदी अपने विजन एवं दृष्टिकोण के कारण है पूरी दुनिया में छाए हुए हैं। दुनिया के नेता हर विषय पर उनकी राय जानने को आतुर होते हैं।

एक हजार से अधिक को दी गई डिग्र‍ियां

समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने 34 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। दीक्षा समारोह में एक हजार से अधिक विद्यार्थियों को रक्षा क्षेत्र में पीएचडी, एमफिल, स्नातक, स्नातकोत्तर की डिग्रियां दी गई। रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो बिमल पटेल ने इससे पहले आगंतुकों का स्वागत किया और युनिवर्सिटी के कामकाज से अवगत कराया। समारोह में अन्य विश्वविद्यालयों के 10 कुलपति भी आमंत्रित किए गए। 

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