73rd Independence Day: राष्ट्रपति बोले- नए बदलावों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को होगा फायदा

73rd Independence Day स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधन में राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने से होने वाले फायदे गिनाए।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Wed, 14 Aug 2019 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 14 Aug 2019 09:10 PM (IST)
73rd Independence Day: राष्ट्रपति बोले- नए बदलावों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को होगा फायदा
73rd Independence Day: राष्ट्रपति बोले- नए बदलावों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को होगा फायदा

नई दिल्ली, जेएनएन। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के साथ लद्दाख के स्वरूप में आए बदलाव को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वहां के लोगों के लिए लाभकारी करार दिया है। 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए बदलावों से समानता को सुनिश्चित करने वाले प्रगतिशील कानून वहां लागू होंगे। इसमें सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार से लेकर तत्काल तीन तलाक जैसे अहम कानूनों का फायदा भी शामिल है।

अधिकारों और सुविधाओं का मिलेगा लाभ
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल में किए गए बदलावों के बाद यहां के नागरिक अब उन सभी अधिकारों और सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे जो देश के दूसरे क्षेत्र के नागरिकों को मिलती हैं। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से सभी बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। RTI मिलने से जनहित की सूचनाएं मिल सकेंगी। पारंपरिक रुप से वंचित रहे लोगों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। तीन तलाक जैसे अभिशाप समाप्त हो जाने से वहां की हमारी बेटियों को भी न्याय के साथ भयमुक्त जीवन का अवसर मिलेगा।

जियो और जीने दो का सिद्धांत
पिछले दिनों हुई कुछ घटनाओं और विवादित बयानों के बीच कोविंद ने देश की समावेशी संस्कृति की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि भारत का समाज तो हमेशा 'जियो और जीने दो' के सिद्धांत पर चलता रहा है। भाषा, पंथ और क्षेत्र की सीमाओं से उपर उठकर एक दूसरे का सम्मान करते रहे हैं और यह हमारे इतिहास व विरासत का बुनियादी हिस्सा है।

संसद के सत्र पर जाहिर की प्रसन्नता
राष्ट्रपति ने संसद के हाल में ही समाप्त हुए सत्र की कामयाबी पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के परस्पर सहयोग से कई अहम विधेयक पारित किए गए। संसद की इस सफलता के अगले पांच साल तक जारी रहने की उम्मीद के साथ कोविंद ने राज्यों की विधानसभाओं को भी संसद की इस प्रभावी कार्य संस्कृति को अपनाने की सलाह दी। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए संसद और विधानसभाओं में आदर्श, कार्य संस्कृति का उदाहरण प्रस्तुत करना आवश्यक है। यह केवल इसीलिए जरूरी नहीं कि निर्वाचित प्रतिनिधि मतदाता के विश्वास पर खरा उतर सके बल्कि राष्ट्र निर्माण में हर संस्था और हितधारक एकजुट होकर काम कर सके।

लोक कल्याण की योजनाओं का उल्लेख
लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी पर हर्ष जाहिर करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जनादेश में लोगों की आकांक्षाएं साफ दिखाई देती हैं। इन्हें पूरा करने में सरकार अपनी भूमिका निभाती है मगर उनका मानना है कि देश की 130 करोड की आबादी अपने कौशल, प्रतिभा, उद्यम और इनोवेशन के जरिये विकास के और अधिक अवसर पैदा कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने इस क्रम में जनता की जिंदगी बेहतर करने की दिशा में सरकार की ओर से चलाए जा रहे लोक कल्याण की योजनाओं और विकास के कार्यो का भी उल्लेख किया। इसमें गरीबों का घर बनाने, हर घर बिजली पहुंचाने, शौचालय, सिंचाई की सुविधा से लेकर ग्रामीण सड़कों को मुख्य मार्गो से जोड़ने जैसे कामों का जिक्र किया।

राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा भी स्वाधीनता की रक्षा
राष्ट्रपति ने इस मौके पर लोगों से खास तौर पर राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा पर सजग होने का आग्रह किया। उनका कहना था कि राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा भी स्वाधीनता की रक्षा से जुड़ी हुई है और ऐसा करना देश प्रेम की भावना व संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने जनता से राष्ट्रीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने के प्रयासों को अपनी सक्रियता के जरिये रोकने की अपील भी की।

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