Uttarakhand Glacier Burst : पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों को दिया भरोसा, कहा- मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को उत्तराखंड के सांसदों के साथ बातचीत की। उत्तराखंड में आई ग्लेशियर आपदा पर राहत के प्रयासों और भविष्य के कार्यों पर चर्चा की।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 05:29 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 09:23 PM (IST)
Uttarakhand Glacier Burst : पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों को दिया भरोसा, कहा- मदद के लिए हर संभव कदम उठा रही सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के सांसदों के साथ बातचीत की।

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ से पीड़ि‍त उत्तराखंड और वहां के लोगों की मदद के लिए उनकी सरकार हर उपाय कर रही है। राज्य के सांसदों को उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उत्तराखंड में बुनियादी ढांचों को इतना मजबूत बनाने पर काम कर रही है, ताकि भविष्य में किसी प्राकृतिक आपदा से उन्हें नुकसान न पहुंचे। उत्तराखंड से भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार राज्य के लोगों के साथ खड़ी है। वह राहत और बचाव कार्यो पर लगातार नजर भी रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री के साथ राज्य के सांसदों की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।

बलूनी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना या वायु सेना जैसी केंद्र सरकार की कई एजेंसियां राज्य की प्रशासनिक इकाई के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यो में जुटी हैं।

प्रधानमंत्री ने माना कि इस हिमालयी राज्य में प्राकृतिक आपदा का ज्यादा जोखिम रहता है, इसलिए केंद्र सरकार बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के लिए काम कर रही है, जो ऐसी आपदा को झेल सकें।

बलूनी के साथ ही प्रधानमंत्री से मिलने वाले राज्य के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अजय भट, अजय टमटा, नरेश बंसल और माला राज्य लक्ष्मी शाह भी शामिल थीं। बता दें कि रविवार सुबह उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही आई थी। अब तक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 18 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और 202 से ज्यादा लोग लापता हैं। ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी आने से उस पर बनी एक छोटी पन बिजली परियोजना पूरी तरह से तबाह हो गई थी। परियोजना की सुरंग में अभी भी 30 मजदूरों के फंसे होने की आशंका है, जिन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

 ऋषिगंगा नदी और धौलीगंगा नदी के उफान में इन दोनों प्रोजेक्टों में काम करने वाले कई श्रमिक व स्थानीय लोग लापता है, जिनकी तलाश में एसडीआरएफ की 11 टीम जुटी हैं। दो टीम रैणी, चार टीम तपोवन, दो टीम जोशीमठ व तीन टीम श्रीनगर में तलाशी अभियान चला रही हैं। एयरफोर्स के चार हेलीकाप्टरों की भी मदद ली जा रही है।

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