PM Modi Popularity: पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति से भी अधिक लोकप्रिय, पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक; जानें किसने कही यह बात

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी अधिक लोकप्रिय हैं। मोदी न केवल भारत में लोकप्रिय हैं बल्कि पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक हैं। सीटी रवि पणजी में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 28 May 2022 08:33 PM (IST) Updated:Sat, 28 May 2022 08:33 PM (IST)
PM Modi Popularity: पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति से भी अधिक लोकप्रिय, पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक; जानें किसने कही यह बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन

पणजी, आइएएनएस। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी अधिक लोकप्रिय हैं। मोदी न केवल भारत में लोकप्रिय हैं, बल्कि पूरी दुनिया में उनके प्रशंसक हैं। सीटी रवि पणजी में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन नहीं, बल्कि नरेन्द्र मोदी हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के हालिया यूरोप दौरे के दौरान लोगों ने मोदी-मोदी और भारत माता की जय के नारे लगाए। जापान दौरे के दौरान भी उनकी लोकप्रियता नजर आई।

पीएम मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता

करीब दो महीने पहले जारी मॉर्निंग कंसल्ट की ओर से जारी ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं। पीएम मोदी 77 फीसद अप्रूवल के साथ टाप पर हैं। पीएम वैश्विक नेताओं की तुलना में सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी 77 फीसद ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग के साथ पहले पायदान पर हैं। अमेरिका में मौजूद ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकर मॉर्निंग कंसल्ट ने वैश्विक नेताओं की अप्रूवल रेटिंग जारी की थी। पीएम मोदी की अप्रूवल रेटिंग 13 देशों के नेताओं में सबसे अधिक है।

रिसर्च कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में दुनिया के 13 नेताओं में पीएम मोदी 77 फीसद अप्रूवल रेटिंग के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। इसके बाद मेक्सिको के एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर का नंबर आता है, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 63 फीसद है। इटली के मारिया द्राघी की अप्रूवल रेटिंग 54 फीसद है। वहीं, जापान के फुमियो किशिदा को 45 फीसद की अप्रूवल रेटिंग मिली है। डेटा से पता चलता है कि भारतीय प्रधानमंत्री जनवरी 2020 से मार्च 2022 तक अधिकांश महीनों के लिए सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता बने रहे।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अप्रूवल रेटिंग उनके राष्ट्रपति बने रहने के दौरान सबसे कम हो गई है, उन्‍हें 41 प्रतिशत रेटिंग मिली है। पीएम मोदी की तुलना में उनकी लोकप्रियता आधी है। उनकी पिछले साल कोविड-19 के कारण हुई मौतों में वृद्धि और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी की वजह से बाइडन की लोकप्रियता गिरना शुरू हो गई थी। यूक्रेन संकट और देश में चल रही अन्य समस्याओं की वजह से बाइडन की अप्रूवल रेटिंग आने वाले दिनों में गिरावट और गिर सकती है।

आठ सालों में मोदी सरकार ने खींचीं बड़ी लकीर

दरअसल, नरेन्द्र मोदी सरकार ने आठ साल में न सिर्फ एक कुशल व संवेदनशील प्रशासक की भूमिका निभाई, बल्कि घरेलू राजनीति से लेकर वैश्विक कूटनीति में एक ऐसी लकीर खींची है जो दूसरों के लिए ही नहीं खुद भाजपा के भावी नेताओं के लिए भी चुनौती रहेगा। मोदी सरकार का अब तक का काल दूरगामी सोच, धैर्य, साहसिक निर्णय और उसे जमीन पर उतारने के अथक प्रयास का काल रहा है। पहली सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए निर्णय की जो प्रक्रिया शुरू हुई थी, वह नोटबंदी, जनधन योजना, गरीबों के स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान योजना से लेकर कोरोना के खिलाफ सफल लड़ाई तक पहुंची।

वहीं, पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर अनुच्छेद-370 को रद करने, बैंकों के विलय से लेकर जीएसटी तक के क्रियान्वयन में यह सोच बार-बार दिखी कि वह इतिहास की गलतियों को दुरुस्त करने से लेकर सामान्य प्रशासन में बड़े सुधार की राह में राजनीति को नहीं आने देना चाहते। यही कारण है कि कोरोना काल के बाद भी भारत बड़ी वैश्विक ताकतों की तुलना में तत्काल खड़े होकर दौड़ने की स्थिति में पहुंचा है।

निर्यात के मामले में देश ने रिकार्ड बनाया तो मैन्यूफैक्चरिंग के नए आयाम खुलने शुरू हो गए हैं। लड़ाई अभी लंबी है। रोजगार से लेकर सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सस्ती चिकित्सा जैसी मूलभूत समस्याओं का पूर्ण निदान पाने के लिए सबको जुटना होगा। सरकार को कुछ और कठोर फैसले लेने होंगे।

ज्ञात रहे कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले सिर्फ चार राज्यों में भाजपा की सरकारें थीं। 2018 तक 15 राज्यों में भाजपा और राजग की सरकार थी। आज 18 राज्यों में भाजपा व सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री हैं। देश में 1300 से ज्यादा भाजपा विधायक हैं और 400 से ज्यादा सांसद हैं। इसमें कोई संशय नहीं है कि इसका श्रेय किसे जाता है।

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