मोदी ने नई शिक्षा नीति के अंतिम मसौदे को दी हरी झंडी, 33 साल बाद मिलेगी एक नई शिक्षा नीति

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक के मुताबिक नई शिक्षा नीति नव भारत का निर्माण करेगी। 33 सालों के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने मिलेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 10:41 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 10:41 PM (IST)
मोदी ने नई शिक्षा नीति के अंतिम मसौदे को दी हरी झंडी, 33 साल बाद मिलेगी एक नई शिक्षा नीति
मोदी ने नई शिक्षा नीति के अंतिम मसौदे को दी हरी झंडी, 33 साल बाद मिलेगी एक नई शिक्षा नीति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश को नई शिक्षा नीति को लेकर अब और इंतजार नहीं करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ सुझावों के साथ नीति के अंतिम मसौदे को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही यह नीति मार्च के पहले हफ्ते में कभी भी आ सकती है। वहीं नीति के आने के साथ ही इसकी सिफारिशों पर भी तुरंत काम शुरु हो जाएगा। प्रधानमंत्री के साथ बैठक में इसके अमल को लेकर भी चर्चा हुई है। मंत्रालय ने इसे लेकर भी एक प्रजेंटेशन दिया था।

पीएम मोदी ने रोजगारपरक नई शिक्षा नीति को बारीके से जांचा

प्रधानमंत्री कार्यालय में करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने नीति से जुड़े सभी विषयों को गंभीरता से जांचा। साथ ही इससे जुड़े प्रजेंटेशन को देखा। बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ही मंत्रालय के सचिव अमित खरे सहित कई और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में नीति के जुड़े विषयों को लेकर सबसे ज्यादा फोकस किया गया। हालांकि नीति को जिस तरह से देश की भावी जरूरतों को समझते हुए रोजगारपरक बनाया गया है, उसकी तारीफ भी हुई।

 देश को यह नई शिक्षा नीति ऐसे समय मिल रही है, जब भारत महाशक्ति बनने जा रहा

खासबात यह है कि देश को यह नई शिक्षा नीति ऐसे समय मिल रही है, जब वह दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कदम बढाया गया है। ऐसे में शिक्षा को नई दिशा देना जरूरी हो गया था।

निशंक ने कहा- नई शिक्षा नीति नव भारत का करेगी निर्माण

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक के मुताबिक नई शिक्षा नीति नव भारत का निर्माण सुनिश्चित करेगी। 33 सालों के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने मिलेगा। इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति बनाई गई थी। तब से लेकर अब तक देश में इसी नीति को आधार मानकर शिक्षा को गति दी जा रही है। सरकार ने नई नीति की जरूरत को काफी पहले से समझ लिया था।

नई शिक्षा नीति को अंतिम रुप देने में पांच साल का समय लगा

यही वजह 2015 में सरकार के गठन के बाद इस दिशा में काम शुरु कर दिया। हालांकि इसे अंतिम रुप देने में करीब पांच साल का समय लग गया। पीएम के सामने बुधवार को दिए गए इस प्रजेंटेशन से पहले मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने मंगलवार को आला अधिकारियों के साथ नई शिक्षा नीति को लेकर लंबी चर्चा की थी।

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