ओवैसी बोले- कागज नहीं सीना दिखाएंगे, क्योंकि दिल में मोहब्बत है भारत की

ओवैसी ने एक रैली में CAA और NRC पर बात करते हुए कहा कि अगर कागज दिखाने की बात होगी तो सीना दिखाएंगे कि मार गोली।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 09:32 AM (IST) Updated:Mon, 10 Feb 2020 11:16 AM (IST)
ओवैसी बोले- कागज नहीं सीना दिखाएंगे, क्योंकि दिल में मोहब्बत है भारत की
ओवैसी बोले- कागज नहीं सीना दिखाएंगे, क्योंकि दिल में मोहब्बत है भारत की

नई दिल्ली, एएनआइ। एक रैली के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने इस दौरान कहा कि वे देश में रहेंगे, लेकिन कागज हरगिज नहीं दिखाएंगे। भारत सरकार द्वारा साफ किया जा चुका है कि वो नागरिकता कानून (CAA) पर अपने फैसले को वापस नहीं लेंगे। हालांकि, बावजूद इसके विपक्ष लगातार CAA और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। 

ओवैसी ने कहा, 'मैं वतन में रहूंगा, कागज नहीं दिखाऊंगा, कागज अगर दिखाने की बात होगी तो सीना दिखाएंगे कि मार गोली, मार दिल पे गोली मार क्योंकि दिल में भारत की मोहब्बत है।' इसके अलावा आंध्र प्रदेश में बैठक को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएए, एनआरसी का विरोध कर रहे लोग महात्मा गांधी और भीमराव अम्बेडकर के सच्चे अनुयायी हैं। उन्होंने कहा कि ये सब कानून हमारे संविधान के खिलाफ हैं।

बता दें कि गोली की राजनीति भाजपा नेता अनुराग ठाकुर के उस बयान से शुरू हुई, जिसमें वे एक रैली को संबोधित करते हुए भीड़ से देश के गद्दारों को गोली मारो के नारे लगवा रहे थे। ओवैसी अब से पहले भी गोली खाने की बात कर चुके हैं।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के विवादित बयान पर ओवैसी ने अनुराग ठाकुर को चैलेंज कर दिया था। उनका कहना था कि मुझे बताओं की कहां आना है, मुझे गोली मारो। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में देश भर में काफी समय से विरोध प्रर्दशन चल रहा है। प्रदर्शन की अगर प्रमुख जगह का जिक्र किया जाए तो दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से CAA और NRC को लेकर प्रदर्शन चल रहा है।

हालांकि, सरकार साफ कर चुकी हैं कि CAA में किसी की भी नागरिकता लेने का कोई भी प्रावधान नहीं है, बल्कि इस कानून में पड़ोसी देशों से आए पीड़ितों को नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।

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