नितिन गडकरी की भविष्यवाणी हुई सच, महाराष्ट्र में खिल गया कमल

क्रिकेट और राजनीती में कुछ भी संभव है! जी हां ये हम नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कह चुके हैं। उनकी कहा यह बयान आज महाराष्ट्र की राजनीति में एकदम फिट बैठ रहा है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 12:40 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 12:52 PM (IST)
नितिन गडकरी की भविष्यवाणी हुई सच, महाराष्ट्र में खिल गया कमल
नितिन गडकरी की भविष्यवाणी हुई सच, महाराष्ट्र में खिल गया कमल

नई दिल्ली, जेएनएन। क्रिकेट और राजनीती में कुछ भी संभव है! जी हां ये हम नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कह चुके हैं। उनका कहा ये बयान आज महाराष्ट्र की राजनीति में एकदम फिट बैठ रहा है। तड़के सुबह आठ बजे के करीब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जबकि एनसीपी नेता अजीत पवार को उप- मुख्यमंत्री की शपथ दिलाई। शुक्रवार की रात तक महाराष्ट्र की राजनीति में पिक्चर एकदम साफ दिखाई दे रही थी कि एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना राज्य में मिलकर सरकार बनाएंगे, लेकिन शनिवार की सुबह काफी अंचभित करने वाली रही। राज भवन में शपथ ग्रहण के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समते तमाम अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दी। इसके अलावा अंचभे में पड़े विपक्ष की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का खेल भी शुरू हो गया है। 

शरद पवार मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे के नाम पर भी राजी हो गए। किसको पता था कि बाजी बदल जाएगी और शिवसेना देखती रह जाएगी। इसलिए यहां पर नितिन गड़करी का एक बयान सही साबित हो रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र में  जब सियासी उठा-पठक चल रही थी तो इस दौरान नितिन गड़करी ने कहा था कि उन्हें नहीं पता की महाराष्ट्र की राजनीति में क्या चल रहा है, लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है। लगता है इसे ही कहते हैं भविष्यवाणी जो महाराष्ट्र की राजनीति में चरितार्थ होती है।

एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना के साथ सरकार बनाने का दमखम दिखा रही था। वहीं एनसीपी नेता अजीत पवार ने भाजपा को सरकार बनाने में सहयोग दिया। वहीं शरद पवार की तरफ से साफ कह दिया है कि उनकी पार्टी का इससे कुछ भी लेना देना नहीं है। बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों पार्टी में मुख्यमंत्री पद लिए पैदा हुई जंग ने दोनों को गठबंधन तोड़ने पर मजबूर किया।

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