कोरोना पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले, सरकार सबसे खराब स्थिति के लिए भी तैयार

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि सरकार सबसे खराब स्थिति के लिए भी तैयार है। जानें उन्‍होंने और क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Apr 2020 12:25 AM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2020 12:25 AM (IST)
कोरोना पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले, सरकार सबसे खराब स्थिति के लिए भी तैयार
कोरोना पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले, सरकार सबसे खराब स्थिति के लिए भी तैयार

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि शारीरिक दूरी और लॉकडाउन का मिश्रण ही कोरोना वायरस के खिलाफ एक उपयोगी सामाजिक टीका है। यह तब तक उत्साहजनक परिणाम देता रहेगा, जब तक कि कोई टीका विकसित नहीं हो जाता। उन्‍होंने कहा कि सरकार सबसे खराब स्थिति के लिए भी तैयार है। डॉ. हर्षवर्धन शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चांदनी चौक के तहत काम कर रहे 80 से अधिक आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की विस्तारित अवधि तय करेगी कि हम जल्द ही कोरोना वायरस से कैसे छुटकारा पाएंगे? सरकार ने आरोग्य सेतु एप दिया है, जो संक्रमण के खतरे के बारे में जागरूक करता है। पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसे मोबाइल फोन पर डाउनलोड किया है। उन्होंने कहा कि देश में 80 फीसद संक्रमित व्यक्ति इलाज के बाद ठीक हो रहे हैं। हमने पुणे में एक प्रयोगशाला के साथ शुरुआत की और आज 180 से अधिक सरकारी प्रयोगशालाओं में हजारों परीक्षण कर रहे हैं। मई, 2020 के दौरान प्रति दिन लगभग एक लाख की क्षमता कर लेंगे। हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि संक्रमण की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए सरकार लक्षणों के संदेह वाले लगभग आठ लाख लोगों को निगरानी में रखे हुए है।

उन्‍होंने गैर कोविड-19 रोगियों को अस्पतालों में उपचार से इनकार करने का भी जिक्र करते हुए कहा कि मेरे मंत्रालय ने ऐसे रोगियों के उपचार के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकांश गैर कोविड-19 रोगियों को डायलिसिस, रक्त आधान और अन्य प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है, जो इंतजार नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उनका हर हाल में इलाज किया जाना चाहिए। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कल भी कहा था कि यदि किसी रोगी पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है और उसे अस्पताल से बिना इलाज भगा दिया जाता है तो उस स्थिति में वहां के स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  

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