आखिरी वक्त में बदला तेजप्रताप ने दिल्ली आने का फैसला, लालू की बेल याचिका का करेंगे इंतजार

पत्नी से तलाक को लेकर इन दिनों चर्चा में तेजप्रताप यादव का कहना है कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को साजिश के तहत झुठे मुकदमें में फंसा कर उन्हें जबरन जेल में कैद कर रखा गया है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 09 Jan 2019 10:20 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jan 2019 02:48 PM (IST)
आखिरी वक्त में बदला तेजप्रताप ने दिल्ली आने का फैसला, लालू की बेल याचिका का करेंगे इंतजार
आखिरी वक्त में बदला तेजप्रताप ने दिल्ली आने का फैसला, लालू की बेल याचिका का करेंगे इंतजार

नई दिल्ली, जेएनएन। चारा घोटाले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की रिहाई के लिए बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन करने का फैसला टाल दिया है। तेजप्रताप का कहना है कि वह अपने पिता की जमानत याचिका पर सुनवाई का इंतजार करेंगे और उसके बाद ही कोई फैसला लेंगे। 

इससे पहले तेजप्रताप यादव ने कहा था कि वे अपने पिता की रिहाई के लिए 9 जनवरी को दिल्ली आएंगे और जंतर मंतर पर बड़ा आंदोलन करेंगे। दिल्ली में उनका यह प्रस्तावित आंदोलन उनके पिता लालू यादव को जेल से छुड़ाने के लिए सरकार के खिलाफ बड़ा कदम होने वाला था। 

पत्नी ऐश्वर्या से तलाक को लेकर इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे तेजप्रताप यादव का कहना था कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को साजिश के तहत झूठे मुकदमें में फंसा कर उन्हें जबरन जेल में कैद कर रखा गया है। ऐसे में वह चुप नहीं बैठेंगे, इसके लिए अब बड़े आंदोलन की जरूरत है। 

RJD नेता तेजप्रताप ने कहा था कि अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जहां पूरे देश से लालू यादव के समर्थक एक साथ आएंगे और हम सरकार के लिए खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। यह अलग बात है कि ऐन वक्त पर उन्होंने आंदोलन का फैसला वापस ले लिया है। 

गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि सभी लोगों से अपील करता हूं कि भारी संख्या में 9 जनवरी को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पहुंचे, जहां हम बड़ा आंदोलन करेंगे।

यहां पर बता दें कि चारा घोटाले कई मामलों में पिछले साल आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआइ की विशेष अदालत ने 7-7 साल तक की सजा सुना चुकी है। इसके साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 

पहला मामला- चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। लालू समेत 44 अभियुक्त। सजा- मामले में 5 साल की सजा हुई। दूसरा मामला- देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू समेत 38 पर केस सजा- लालू को साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना। ती सरा मामला- चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू समेत 56 आरोपी। सजा- लालू दोषी करार, 5 साल की सजा। चौथा मामला- दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला। लालू प्रसाद यादव दोषी करार सजा- 2 अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा, 60 लाख जुर्माना।

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