पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के चार सदस्य भी एनआरसी सूची से बाहर

भारत के 5वें राष्ट्रपति रहे फखरुद्दीन अली अहमद के कई रिश्तेदारों से नाम एनआरसी लिस्ट से गायब है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 01 Sep 2019 05:39 PM (IST) Updated:Sun, 01 Sep 2019 10:54 PM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के चार सदस्य भी एनआरसी सूची से बाहर
पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के चार सदस्य भी एनआरसी सूची से बाहर

कामरूप, एएनआइ। एनआरसी की अंतिम सूची से पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के चार सदस्य भी बाहर हो गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति के भाई इकरामुद्दीन अहमद के पोते साजिद अली के अलावा उनके पिता गियाउद्दीन अहमद, मां अकिमा और भाई वाजिद का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं है।

उनके भतीजे एसए अहमद ने बताया कि कि परिवार के 4 लोगों के नाम लिस्ट से बाहर है। 7 सितंबर के बाद अधिकारियों से संपर्क कर नाम जुड़वाने की कोशिश की जाएगी। ताज्जुब तो यह है कि एनआरसी के प्रारूप में नाम न होने पर जुलाई में उन्होंने आपत्ति भी जताई थी। उनका परिवार जिले के रंगिया क्षेत्र में रहता है।

Assam:Names of family members of 5th President of India Fakhruddin Ali Ahmed missing from #NRCList. SA Ahmed,nephew of Fakhruddin,in Kamrup says,“Names of 4 family members missing from NRC list.We'll go to authorities after 7 Sept&follow the process to get names included in list” pic.twitter.com/lc4Acq0N2u

— ANI (@ANI) September 1, 2019

इसके अलावा भारतीय सेना के पूर्व आर्मी ऑफिसर मोहम्मद सनाउल्लाह का नाम फिर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की अंतिम सूची में भी नहीं आया है। हालांकि मोहम्मद सनाउल्लाह ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। बता दे कि उनकी नागरिकता को लेकर गुवाहाटी उच्च न्यायालय में मामला लंबित पड़ा है।

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने शनिवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की अंतिम सूची जारी की। एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला (NRC State Coordinator) ने बताया कि कुल 3,11,21,004 (3 करोड़ से ज्यादा) व्यक्तियों को अंतिम सूची में शामिल करने के योग्य पाया गया। इसके अलावा 19,06,657 (19 लाख से ज्यादा) व्यक्ति लिस्ट में शामिल नहीं हो सके। इन लोगों ने अपने दावे प्रस्तुत नहीं किए थे। परिणाम से संतुष्ट नहीं होने पर वे विदेशी ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। 

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