MP Politics: प्रवासी मजदूरों की मदद के नाम पर मध्य प्रदेश में शुरू हुई सियासत
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कई भूख प्यास-गर्मी से दम तोड़ चुके हैं। कई गर्भवती महिला सड़क पर बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। प्रवासी मजदूरों के अपने कर्मस्थल से गृह नगर जाने में आ रही परेशानियों को लेकर मध्य प्रदेश में सियासत गरमा गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रियंका गांधी को ट्वीट कर मध्य प्रदेश आमंत्रित करते हुए यह सलाह दे दी कि वे मध्य प्रदेश की व्यवस्थाएं देखें और सीखें। उससे आपको मदद मिलेगी। उनके इस ट्वीट के बाद मप्र के कांग्रेस नेता प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए की गई व्यवस्थाओं के लाइव वीडियो बनाने निकल पड़े और बयानबाजी शुरू हो गई।
कमल नाथ ने किया पलटवार, कहा- मजदूरों की सुध लेने गए नहीं तो सच्चाई कैसे पता चले
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पलटवार किया, 'यह सही है कि मजदूर की सुध लेने गए नहीं तो आपको सच्चाई पता भी कैसे चले?' उत्तरप्रदेश में प्रवासी मजदूरों को उनके घर छोड़ने के लिए बसों की व्यवस्था को लेकर चल रही राजनीति के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट कर प्रियंका गांधी और कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने न केवल प्रियंका गांधी को मध्यप्रदेश आमंत्रित किया बल्कि यहां मजदूरों की व्यवस्थाओं की तारीफ भी की।
मुख्यमंत्री ने प्रियंका से कहा- मध्यप्रदेश आइये और यहां की व्यवस्थाएं देखिये, सीखिये
चौहान ने प्रियंका से कहा, 'मध्यप्रदेश आइये और यहां की व्यवस्थाएं देखिये, सीखिये। उससे आपको मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर आपको कोई मजदूर भूखा, प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा। हमने कारगर इंतजाम किए हैं।'
कमल नाथ ने कहा- मजदूरों के नाम पर इतना बड़ा झूठ बोलना और मजाक करना शर्मनाक है
मुख्यमंत्री के इस ट्वीट के बाद पूर्व सीएम कमल नाथ ने बयान जारी कर पलटवार किया। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को कहा, 'मजदूर के नाम पर इतना बड़ा झूठ बोलना और मजाक करना शर्मनाक है। जब इन मजदूरों की सुध लेने नहीं गए तो आपको सच्चाई पता भी कैसे चले?'
कमल नाथ ने कहा- एमपी की सीमाएं हजारों मजदूरों से भरे पड़े हुए हैं
नाथ ने कहा कि आज भी प्रदेश के सभी प्रमुख मार्ग व सीमाएं हजारों मजदूरों से भरे पड़े हुए हैं, कोई पैदल, कोई नंगे पैर, पैरों में छाले लिए, कोई ठेले पर, कोई साइकल पर, कोई ऑटो से और कोई मालवाहक वाहन से अपने घर लौट रहा है। प्रदेश की धरती पर कई घर लौटते बेबस, लाचार मजदूर दुर्घटना का शिकार हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कई भूख प्यास-गर्मी से दम तोड़ चुके हैं। कई गर्भवती महिला सड़क पर बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।