MP Politics: दसवें दिन भी नहीं सुलझी खींचतान, इन मंत्रियों को मिल सकते हैं ये विभाग
रविवार 12 बजे के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकृत तौर पर कहा कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की सूची राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेज दी गई है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में आधी रात तक मंत्रियों के विभागों को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण अंततः दसवें दिन भी शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्यों के कामकाज का बंटवारा नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ग्वालियर में कहा था कि मंत्रियों के कामकाज का बंटवारा रविवार तक कर दिया जाएगा। प्रदेश भाजपा कार्यालय में रविवार को उन्होंने फिर दोहराया था कि रविवार को ही मंत्रियों को विभाग बांट दिया जाएगा।
इधर दिनभर सोशल मीडिया सहित तमाम न्यूज़ चैनलों में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की अलग-अलग सूची दौड़ती रही। मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा दो बार इन सूचियों की विश्वसनीयता को लेकर खंडन भी किया गया। इसके बाद आधी रात तक संभावना जताई जाती रही कि सूची जल्द ही जारी होने वाली है। 12 बजे के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकृत तौर पर कहा कि मंत्रियों के विभागों के बंटवारे की सूची राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेज दी गई है।
करीब 10 घंटे चली विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान
लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लेकर सहमति नहीं बन पाने के कारण एक बार फिर मामला उलझ गया है। बुंदेलखंड के दो कद्दावर मंत्री और सिंधिया समर्थक एक मंत्री के नाम पर सहमति न बनने के कारण भी मामला उलझा रहा।
भाजपा के लिए रविवार का दिन भी कश्मकश भरा रहा। एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में रविवार को नवनियुक्त मंत्रियों को विभाग बांटने की घोषणा की थी, पर आज करीब 10 घंटे भाजपा के रुठे एवं कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को मनाने और उनके बीच सामंजस्य बैठाने में निकल गए।
सरकार ने कहा, अनुमोदन के लिए सूची राज्यपाल को भेज दी गई
पहले प्रदेश भाजपा कार्यालय और फिर मुख्यमंत्री निवास में इस पर मंथन चलता रहा कि किसे कौन-सा विभाग दिया जाए। इसमें राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्रियों के विभाग पहले से तय थे। इसलिए पार्टी के मंत्रियों को साधने में काफी समय लग गया। उल्लेखनीय है कि प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दो जुलाई को 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। इसके बाद शिवराज मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री मिलाकर 34 सदस्य हो गए हैं। इनमें से पांच मंत्रियों ने 21 अप्रैल और 28 मंत्रियों ने दो जुलाई को शपथ ली थी।
सोशल मीडिया पर बंटे विभाग, सरकार ने किया खंडन
नवनियुक्त मंत्रियों को विभाग दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर जैसे ही बैठक का दौर शुरू हुआ। सोशल मीडिया सक्रिय हो गया। इस पर एक के बाद एक सूचियां आना शुरू हो गईं। आखिर सरकार को दो बार खंडन करना पड़ा। साथ ही यह भी बताया कि सूची देर रात तक जारी की जा सकती है।
इन मंत्रियों को मिल सकते हैं ये विभाग
(सूची सूत्रों पर आधारित)
कैबिनेट मंत्री -- विभाग
- नरोत्तम मिश्रा -- गृह, संसदीय कार्य
- कमल पटेल -- कृषि विभाग
- गोविंद सिंह राजपूत -- परिवहन
- जगदीश देवड़ा -- वित्त
- तुलसीराम सिलावट -- जल संसाधन विभाग
- मीना सिंह मांडवे -- आदिम जाति कल्याण
- गोपाल भार्गव -- लोक निर्माण विभाग
- बिसाहू लाल सिंह -- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
- विश्वास सारंग -- तकनीकी शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा
- इमरती देवी -- महिला एवं बाल विकास
- यशोधरा राजे सिंधिया -- खेल एवं युवक कल्याण
- भूपेंद्र सिंह -- नगरीय विकास एवं आवास
- महेंद्र सिंह सिसौदिया -- पंचायत एवं ग्रामीण विकास
- ओमप्रकाश सकलेचा -- लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग
- अरविंद भदौरिया -- सहकारिता
- डॉ. मोहन यादव -- उच्च शिक्षा
- राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव -- उद्योग