'तीन तलाक बिल को दबाने के लिए उठाया जा रहा कोरेगांव जातीय हिंसा का मुद्दा'

महाराष्ट्र के पुणे से शुरू हुई हिंसा ने पूरे महाराष्ट्र राज्य को प्रभावित कर दिया है। भीमा कोरेगांव की हिंसा की घटना ने दो दिनों से राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 03 Jan 2018 04:42 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jan 2018 09:45 PM (IST)
'तीन तलाक बिल को दबाने के लिए उठाया जा रहा कोरेगांव जातीय हिंसा का मुद्दा'
'तीन तलाक बिल को दबाने के लिए उठाया जा रहा कोरेगांव जातीय हिंसा का मुद्दा'

नई दिल्ली, एएनआइ। क्या भीमा-कोरेगांव जातीय हिंसा और राज्यसभा में पेश किए गए तीन तलाक बिल के बीच कोई संबंध है? क्या कोरेगांव जातीय हिंसा के मुद्दे को उठा कर राज्यसभा में तीन तलाक बिल को दबाने की कोशिश की जा रही है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को पेश करते समय कुछ गंभीर आरोप विपक्ष पर लगाए हैं।

दरअसल, कांग्रेस ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल को लटकाने की पूरी योजना बना ली है। कांग्रेस इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा है। इस पर रविशंकर ने कहा कि भीमा-कोरेगांव जातीय हिंसा का मुद्दा इसलिए उठाया जा रहा है, ताकि तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश ना किया जा सके। हालांकि कोरेगांव हिंसा के लिए कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा में भी कोरेगांव जा‍तीय हिंसा का मुद्दा उठाया और इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं अरुण जेटली ने भी कोरेगांव हिंसा के लिए इशारों ही इशारों में कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि जो सुनियोजित तरीके से महाराष्ट्र में हिंसा कराई जा रही है, जिस प्रकार से भाषण दिए जा रहे हैं, एक बार नेता प्रतिपक्ष उस पर भी ध्यान दें। बता दें कि महाराष्‍ट्र में हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'संघ और भाजपा दलितों को समाज में सबसे नीचे पायदान पर रखना चाहती है। ऊना, रोहित वेमुला और भीमा-कोरेगांव की हिंसा दलितों के प्रतिरोध के संकेत हैं।' वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है, 'सरकार इस हिंसा को रोक सकती थी। महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने यह हिंसा करवाई। इसके पीछे भाजपा, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है।'

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महाराष्ट्र के पुणे से शुरू हुई हिंसा ने पूरे महाराष्ट्र राज्य को प्रभावित कर दिया है। भीमा कोरेगांव की हिंसा की घटना ने दो दिनों से राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। महाराष्ट्र में आज दलित नेताओं द्वारा बंद का अह्वान किया गया है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। इस बंद से रेल और सड़क यातायात काफी प्रभावित हुआ है।

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