अब राजनीति में कमल हासन, जानें- काले और सफेद रंग से उनका नाता

कमल हासन ने 21 फरवरी 2018 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में औपचारिक तौर पर राजनीति में एंट्री की।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Thu, 22 Feb 2018 02:01 PM (IST) Updated:Fri, 23 Feb 2018 10:33 AM (IST)
अब राजनीति में कमल हासन, जानें- काले और सफेद रंग से उनका नाता
अब राजनीति में कमल हासन, जानें- काले और सफेद रंग से उनका नाता

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। तमिलनाडु में या इसके बाहर कमल हासन किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने टॉलीवुड पर तो राज किया ही बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा। 70 एमएम के पर्दे पर अपनी शानदार कलाकारी दिखाने के बाद धमाकेदार अंदाज में उन्होंने तमिल राजनीति में दस्तक दी। कमल हासन की राजनीति में एंट्री और उनके फिल्मी पारी की शुरुआत में काफी समानता है।

साल 1960 में महज 6 साल की उम्र में बाल कलाकार के तौर पर ब्लैक एंड ह्वाइट कलातुर कनम्मा से फिल्मी पारी की शुरुआत करने वाले कमल हासन ने 21 फरवरी को 2018 को एक नए सफर पर निकले। रामेश्वरम में उन्होंने अपनी पार्टी के नाम और झंडे का ऐलान किया। मक्कल नीधि मय्यम यानि जन न्याय का केंद्र का गठन किया। उन्होंने अपनी राजनीतिक सोच और पार्टी के झंडे के रंग को जिस ढंग से चुनाव किया वो दिलचस्प है।  पार्टी के गठन से पहले उन्होंने कहा था कि उनकी राजनीति का रंग काला है। लेकिन झंडे का रंग सफेद है। अगर हम इसे फ्लैशबैक में जा कर देखें तो हासन की दोनों पारियों की शुरुआत काले और सफेद रंग से हुई। पार्टी के नाम की घोषणा से कुछ पल पहले हासन ने कहा कि  मैं आपका नेता नहीं, आपका जरिया हूं,इस सभा में सब नेता हैं। हसन के पार्टी के नाम की घोषणा से ठीक पहले इसके झंडे का अनावरण किया गया।

कमल हासन, काली-सफेद राजनीति

सफेद रंग के झंडे पर आपस में गोलाई में गुंथे छह हाथ बने हैं। तीन हाथ लाल और तीन सफेद रंग के हैं। इसके बीच एक सितारा बना है। हासन ने कहा कि पार्टी का गठन जनता के शासन की दिशा में पहला कदम है।कमल हासन के समर्थक उन्हें उलंगा नायगन कहते हैं,जिसका मतलब होता है विश्व का हीरो। कमल के फैन क्लब को नरपानी इयेक्कम कहा जाता है जिसका मतलब होता है अच्छे काम के लिए आंदोलन।अपने राजनीतिक सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने काले रंग और सफेद का चयन किया है लेकिन उनकी जिंदगी में तमाम ग्रे एरिया भी हैं जिसमें हर एक शख्स की दिलचस्पी हो सकती है।

हासन की जिंदगी में ग्रे एरिया

कमल हासन की निजी जिंदगी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। उनकी दो शादियां टूट गईं तो बिना शादी किए वह अभिनेत्री गौतमी के साथ 13 साल तक रहे। कमल हासन और गौतमी तब पास आए थे, जब दोनों ही जिंदगी में मुश्किल हालात का सामना कर रहे थे। गौतमी ने कमल हासन के साथ रिश्तों को लेकर एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें कहा था कि उनके संबंधों का दर्दनाक अंत आ गया है। गौतमी ने 1998 में कारोबारी संदीप भाटिया से शादी की थी और साल भर बाद उनका तलाक हो गया था। पहली शादी से उनकी एक बेटी है। जब उनकी बच्ची पांच साल की थी, तब उन्हें ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चला था। तब कमल हासन और दोस्तों की मदद से वह कैंसर से जंग लड़ने में कामयाब रहीं। गौतमी और कमल हासन के बीच अनबन की वजह क्या थी, इस बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जाता है।

हासन के अफेयर की दास्तां

70 के दशक में श्रीविद्या नाम की हीरोइन से कमल हासन के अफेयर की चर्चा खासी गरम रहीं। 2006 में श्रीविद्या के दुनिया से अलविदा कहने से पहले कमल हासन उनसे मिलने अस्पताल भी पहुंचे थे। कमल हासन और श्रीविद्या के रिश्ते को मलयाली निर्देशक रंजीत ने 'तिराकथा' नाम की फिल्म में उतारा।1978 में कमल हासन ने डांसर वानी गणपति से शादी की थी।10 साल बाद अभिनेत्री सारिका के साथ रहने के लिए कमल हासन ने वानी को तलाक दे दिया था। कमल हासन ने दावा किया था कि वानी के साथ तलाक लेना उन्हें इतना महंगा पड़ा कि वह कंगाल हो गए। हालांकि, वानी ने उनके इस दावे को बचकाना कहा था। कमल हासन ने सारिका के साथ तभी रहना शुरू कर दिया था, जब वह वानी से कानूनन अलग भी नहीं हुए थे।सारिका से कमल हासन की दो लड़कियां हैं, श्रुति हासन और अक्षरा हासन। कमल हासन और गौतमी ने दावा किया था कि वे शादी में यकीन नहीं करते, इसलिए 13 वर्षों तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहे।

कला जगत में छोड़ी छाप

कमल हासन कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड भी जीत चुके हैं। उन्होंने कई फिल्मों में गाना भी गाया है। वो शास्त्रीय संगीत और भरतनाट्यम में भी कुशल हैं। उनकी कई फिल्मों से विवाद भी जुड़ा रहा है। उन्होंने अलग-अलग विषय पर कई फिल्में भी की हैं जैसे आतंकवाद के खिलाफ जंग पर फिल्म 'विश्वरूपम', मुस्लिम पहचान और मानवता दिखाती हुई फिल्म 'हे राम' और आस्था पर सवाल उठाती हुई फिल्म 'दशावतारम' और 'अनबे शिवम ' है।

कमल हासन को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें साल 1990 में पद्म श्री और 2014 में पद्म भूषण से भी नवाज़ा जा चुका है। उनका 5 भाषाओं में 19 फिल्मफेयर अवॉर्ड मिलने का रिकॉर्ड है। 2000 में आखिरी बार अवॉर्ड लेने के बाद उन्होंने और अवॉर्ड न देने का अनुरोध किया था। 

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