मेयर बनने के बाद भी इन्होंने नहीं छोड़ा दूध सप्लाई का काम, जानिए क्यों?

केरल की मेयर अजिता विजयन ने मेयर जैसे प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने के बाद भी दूध के पैकेट बांटने का काम नहीं छोड़ा है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Sat, 29 Dec 2018 02:00 PM (IST) Updated:Sat, 29 Dec 2018 03:41 PM (IST)
मेयर बनने के बाद भी इन्होंने नहीं छोड़ा दूध सप्लाई का काम, जानिए क्यों?
मेयर बनने के बाद भी इन्होंने नहीं छोड़ा दूध सप्लाई का काम, जानिए क्यों?

नई दिल्ली, एजेंसी। केरल के त्रिशूर शहर में  हर रोज सुबह-सुबह स्कूटी पर सवार महिला घर-घर दूध के पैकेट पंहुचा रही है। इस दौरान वो लोगों से उनके सुख-दुख के बारे में जानकारी भी ले रहीं हैं। पिछले 18 सालों से लोगों के घर दूध के पैकेट पंहुचा रही महिला अजिता विजयन है। अजिता विजयन हाल ही में त्रिशूर की मेयर निर्वाचित हुई हैं। मेयर के प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने के बाद भी उन्होंने दूध के पैकेट बांटने का काम बंद नहीं किया।

अजिता विजयन ने दूध बेचना आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया था। उन्हें लगता था कि यदि वो अपने पति की आय में कुछ सहयोग करेंगी तो घर का खर्च चलना आसान होगा। इसी सोच के साथ उन्होंने दूध बेचने का काम शुरू किया जो आज 18 साल बीत जाने के बाद भी बदस्तूर चल रहा है। अजिता विजयन के दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे होती है। सुबह पांच बजे तक वो दूध के पैकेट अपनी स्कूटी पर लादकर घर से निकल पड़ती हैं। वो त्रिशूर में करीब 150 के करीब घरों में दूध पहुंचाने का काम करती हैं। उनके ग्राहकों को लगा कि मेयर बनने के बाद वो शायद ये काम बंद कर देंगी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 

अजिता विजयन का कहना है कि पार्टी ने जो उनके प्रति विशवास दिखाया है, वो उसके लिए पार्टी की आभारी हैं, लेकिन मेयर का पद अस्थायी है। वो दूध के पैकेट बांटना वो बंद नहीं करेंगी। ये उनके लिए कमाई का जरिया है। इस काम से उन्हें लोगों से जुड़ने और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी भी मिलती है। वैसे भी दूध बांटने के लिए सुबह के कुछ घंटे चाहिए होते हैं, इसके बाद वो मेयर के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने में लगाती हैं। अजिता विजयन ने 1999 में राजनीति में प्रवेश किया और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई ) से जुड़ी और दो बार 2005 और 2015 में चुनी गईं।

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