कपिल सिब्बल ने फिर कांग्रेस को घेरा, गुलाम नबी आजाद को कहा- 'बधाई हो भाईजान'

अपने एक ट्वीट में कपिल सिब्बल ने लिखा कि गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है। बधाई हो भाईजान। विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 11:49 AM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 03:09 PM (IST)
कपिल सिब्बल ने फिर कांग्रेस को घेरा, गुलाम नबी आजाद को कहा- 'बधाई हो भाईजान'
पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद को बधाई दी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी।  जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिए जाने के एलान के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने बधाई दी है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधा है। सिब्बल ने बधाई देते हुए कहा कि लगता है कांग्रेस को उनकी जरूरत नहीं है।

दरअसल, अपने एक ट्वीट में कपिल सिब्बल ने लिखा कि गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है। बधाई हो भाईजान। विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है। कपिल सिब्बल का बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

Ghulam Nabi Azad conferred Padam Bhushan

Congratulations bhaijan

Ironic that the Congress doesn’t need his services when the nation recognises his contributions to public life— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 26, 2022

बता दें कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार का ऐलान किया गया है। गुलाम नबी आजाद की गिनती कांग्रेस के मुखर नेताओं में है। हाल के दिनों में उनकी कांग्रेस से दूरी साफ नजर आती है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी भी संसद में खुलकर उनकी प्रशंसा कर चुके हैं। गुलाम नबी आजाद को ऐसे वक्त में ये नागरिक अवॉर्ड मिल रहा है, जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं।

कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी-23 के नेता

बता दें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के जी-23 के नेता हैं। यह कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का एक समूह है। यह ग्रुप कांग्रेस नेतृत्व शैली और रणनीति में बदलाव की मांग कर रहा है। आजाद इस बात पर अफसोस जताते रहे हैं कि असहमति और पार्टी के संचालन में खामियों को इन दिनों नेतृत्व एक तरह से विद्रोह के रूप में देख रहा है। वह कहते हैं कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय में ऐसा नहीं था।

chat bot
आपका साथी