जीत के नशे में जिग्नेश मेवानी ने पार की बदजुबानी की हद

जिग्नेश यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मोदी हमारे लिए हमारे लिए माननीय प्रधानमंत्री नहीं। वह मानसिक रूप से बूढ़े हो गए हैं। वह बहुत पकाते हैं।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 20 Dec 2017 05:19 PM (IST) Updated:Wed, 20 Dec 2017 05:22 PM (IST)
जीत के नशे में जिग्नेश मेवानी ने पार की बदजुबानी की हद
जीत के नशे में जिग्नेश मेवानी ने पार की बदजुबानी की हद

नई दिल्ली, जेएनएन। जीत का नशा किस तरह सिर चढ़कर बोलता है और अच्छे-भले लोगों को बदजबुान बना देता है, इसका ही उदाहरण पेश कर रहे हैं गुजरात के युवा नेता जिग्नेश मेवाणी। कांग्रेस के समर्थन से जीत हासिल करने वाले जिग्नेश ने चुनावी सफलता के अहंकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोरिंग, पकाऊ और बूढ़ा बताते हुए यहां तक कहा कि उन्हें हड्डियां गलाने के लिए हिमालय चले जाना चाहिए।

यह सब उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा। जब एंकर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि इसका क्या मतलब? क्या प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा ठीक है तो भी उन्होंने कहा कि हां और क्या, वह तो बूढ़े हो गए हैं। उन्हें घर जाकर आराम करना चाहिए।

जब एक अन्य टीवी चैनल की संवाददाता ने उनसे बात करते हुए कहा कि क्या वह पीएम के खिलाफ अनुचित भाषा का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे तो उन्होंने वही सब बातें और ज्यादा विस्तार से दोहराईं और साथ ही स्पष्ट किया कि हां प्रधानमंत्री को पांडवों की तरह हड्डियां गलाने हिमालय चले जाना चाहिए। जिग्नेश यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मोदी हमारे लिए हमारे लिए माननीय प्रधानमंत्री नहीं। वह मानसिक रूप से बूढ़े हो गए हैं। वह बहुत पकाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी ऐसी भाषा के लिए जीरो पर्सेंट भी खेद व्यक्त करने वाले नहीं और अगर राहुल गांधी कहते हैं तो भी वह माफी मांगने वाले नहीं। जिग्नेश के मुताबिक, आखिर मोदी के बारे में अभद्र क्या हो सकता है? जिग्नेश ने कहा कि वह ऐसी बातें बार-बार कहते रहेंगे। आपको जितना हल्ला मचाना हो मचाइए।

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