दो अलग-अलग देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं मोदी पुतिन, फिर भी हैं कितनी समानताएं

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में सिर्फ यही समानता नहीं है कि ये दोनों अपने-अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 06 Oct 2018 09:24 AM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 12:49 PM (IST)
दो अलग-अलग देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं मोदी पुतिन, फिर भी हैं कितनी समानताएं
दो अलग-अलग देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष हैं मोदी पुतिन, फिर भी हैं कितनी समानताएं

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन में सिर्फ यही समानता नहीं है कि ये दोनों अपने-अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं। इस शख्सियत में कई समानता है तभी तो इस मीटिंग पर दुनिया की टकटकी लगी है। दोनों बड़े और कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं।

तड़क-भड़क से दूर परिवार
पीएम मोदी के परिवार वाले बेहद साधारण जिंदगी जीते हैं। देश के प्रधानमंत्री का परिवार होने के बावजूद विलासिता और सुख सुविधाओं से दूर हैं। इसी तरह पुतिन का परिवार, उनकी दो बेटियां लाइम लाइट से दूरी बनाकर रखती हैं। मीडिया के पास अभी तक पुतिन की कोई आधिकारिक पारिवारिक फोटो नहीं है।

शौक हैं निराले
पुतिन को घुड़सवारी और खेलों से लगाव है। वहीं मोदी को योग और पढ़ना पसंद है। पुतिन की बिना शर्ट घुड़सवारी करते तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई थीं। मोदी की योग करते हुए तस्वीरें पॉपुलर हैं।

जननायक
दोनों नेता अपने देश में किसी ब्रांड से कम नहीं हैं। रूस में पुतिन एक हीरो की तरह हैं। बच्चों के लिए पुतिन के गुड्डे से लेकर पुतिन वोदका, टी-शर्ट, फूड ब्रांड और चाबियों के छल्ले तक बिकते हैं। उत्पादों पर उनकी तस्वीरें छापी जाती हैं। यही हाल भारत में मोदी का है। मोदी के नाम की पतंगें, राखी, मोदी जैकेट, पटाखे बिकते हैं। मोदी जैकेट खासा लोकप्रिय है। किसी उत्पाद के नाम के साथ मोदी जोड़ने पर बाजार में उसकी मांग बढ़ जाती है।

प्रखर राष्ट्रवादी
मोदी और पुतिन दोनों राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत हैं। पीएम मोदी ने 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध में लड़ने जा रहे सैनिकों की रेलवे स्टेशन पर सेवा की। 1967 में गुजरात में आई बाढ़ में लोगों की मदद की। पुतिन ने 1975 से 1991 में तकरीबन 16 साल देश की खुफिया एजेंसी में अधिकारी के तौर पर काम किया।

सामान्य परिवार से ताल्लुक
दोनों ही मध्यम वर्ग के परिवारों से आते हैं। मोदी के पिता चाय की दुकान चलाते थे। बाद में उन्होंने भी ये काम किया। पुतिन के दादा रसोइए थे। उनके पिता रूसी नौसेना में और मां फैक्ट्री में काम करती थीं।

विश्व मंच पर दमखम
दोनों नेता अपने अपने देश की आर्थिक दशा बदलने में कामयाब साबित हुए। मोदी ने कई देशों के नेताओं से मुलाकात और बड़े फैसलों के दम पर भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दिलाई। वहीं पुतिन भी सोवियत संघ के बिखराव के बाद बनी गरीब रूस की छवि को मिटाने में कामयाब रहे। 

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