भारत पर नहीं पड़ती कोरोना की मार तो कुछ वर्षों में शीर्ष 3 विश्व अर्थव्यवस्थाओं हो सकता था शामिल: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी गति से बढ़ रही थी यह कोरोना वायरस (COVID-19) प्रेरित संकट की चपेट में नहीं आई।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 01:41 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 01:41 PM (IST)
भारत पर नहीं पड़ती कोरोना की मार तो कुछ वर्षों में शीर्ष 3 विश्व अर्थव्यवस्थाओं हो सकता था शामिल: राजनाथ
भारत पर नहीं पड़ती कोरोना की मार तो कुछ वर्षों में शीर्ष 3 विश्व अर्थव्यवस्थाओं हो सकता था शामिल: राजनाथ

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी गति से बढ़ रही थी, यह COVID-19-प्रेरित संकट की चपेट में नहीं आई। देश अगले सात-आठ वर्षों में तीन विश्व अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। उप राष्ट्रपति की पुस्तक कनेक्टिंग, कम्यूनिकेटिंग एंड चेंजिंग द वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया थ्री ईयर्स इन ऑफिस  के पुस्तक लोकार्पण के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडू धन्य हैं कि वह ऐसे समय में देश के उपराष्ट्रपति हैं जब भारत मजबूत हो रहा है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया के लिए एक मजबूत छवि पेश करने में सक्षम है।

देश एक अच्छी आर्थिक गति के साथ बढ़ रहा था, अगर इस कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी देश में नहीं आई होती तो 7-8 वर्षों में हम शीर्ष तीन विश्व अर्थव्यवस्थाओं में होते। लेकिन, हम उम्मीद करते हैं कि हम अभी भी ऐसा कर पाएंगे। इसलिए हम सीओवीआईडी ​​-19 के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। 

सिंह ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के कार्यालय में तीसरे वर्ष की पुस्तक जारी की। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पुस्तक का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण लॉन्च किया। पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए, सिंह ने कहा कि पुस्तक का शीर्षक- कनेक्टिंग, संचार और परिवर्तन ये वहीं दर्शाती है जैसा नायडू अपने जीवन में पालन करते हैं।  नायडू कहते हैं कि राष्ट्र पहले, पार्टी दूसरे और स्वयं अंतिम। इस पुस्तक में नायडू के कई भाषण हैं। यह पाठकों को ज्ञान का एक नया दृष्टिकोण देगा।  नायडू बहुत भावुक हैं।

वह एक महान वक्ता हैं और भाषणों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं। लोगों को इस पुस्तक को पढ़ने के लिए दिलचस्पी होगी। अच्छी किताबें सबसे अच्छा उपहार है जिसे एक पीढ़ी दूसरे को दे सकती है। मैंने उनके भाषणों को विभिन्न अवसरों पर सुना है और जब वह बोलते हैं तो दर्शकों में भारी उत्साह होता है। 

chat bot
आपका साथी