भारत और थाईलैंड ने किया रक्षा सहयोग मजबूत करने का फैसला
भारत और थाईलैंड ने समुद्री मार्गो में उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए समुद्री क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और थाईलैंड ने समुद्री मार्गो में उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर विचार करते हुए समुद्री क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। दो दिवसीय थाईलैंड के दौरे पर गई रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने थाईलैंड के रक्षा मंत्री जनरल प्रवित वांगसुवोन से द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा और सामरिक सहयोग को और गहरा करने के इरादे से कई नये फैसले लिये है।
समुद्री सुरक्षा में आपसी सहयोग का दायरा बढ़ाने के इरादे से दोनों ही पक्षों ने समुद्री माहौल कि स्थिति की जानकारी एक दूसरे से साझा करने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग, शोध एवं विकास में भी परस्पर सहयोग करने के बारे में बात की गई है।
सीतारमण ने थाई नेतृत्व के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा हालात के बारे में भी बातचीत की। दोनों पक्षों ने हिंद प्रशांत इलाके के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि दोनों के बीच इस मसले पर विचार मेल खाते हैं। इस बारे में दोनों देश आपसी सलाह मशविरा आगे भी जारी रखेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास के जरिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क बढ़ाने का फैसला लिया गया है। बताते चले कि थाईलैंड दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और आसियान के साथ गहराते सामरिक सहयोग के मद्देनजर थाईलैंड के साथ भारत का रक्षा आदान प्रदान बढ़ना काफी अहम है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने दोनों देशों के थल सैनिकों के बीच पहले से चल रहे साझा सैन्य अभ्यास मैत्री का स्तर और दायरा बढ़ाने के मसले पर भी बात की है। दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच पहले से चल रहे सियाम भारत वायुसैनिक अभ्यास का दायरा भी बढ़ाने पर जोर दिया गया।