ममता सरकार का ऐतिहासिक निर्णय, बंगाल में अब शिक्षक गृह जिले में पा सकेंगे तैनाती

शिक्षक संगठनों का कहना है कि इससे पढ़ाई की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। शिक्षकों का कहना है इस फैसले से उनका घंटों बर्बाद होने वाला समय बच जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 10:54 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jan 2020 12:00 AM (IST)
ममता सरकार का ऐतिहासिक निर्णय, बंगाल में अब शिक्षक गृह जिले में पा सकेंगे तैनाती
ममता सरकार का ऐतिहासिक निर्णय, बंगाल में अब शिक्षक गृह जिले में पा सकेंगे तैनाती

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने नई पहल करते हुए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तैनाती उनके गृह जिले में करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने तथा आने वाले चुनाव के लिए नया समीकरण साधते हुए यह एलान किया है। शिक्षकों को यह सौगात देकर मुख्यमंत्री ने एक बड़े वर्ग को साधने का उपक्रम किया है।

ममता ने कहा- स्कूल के अलावा शिक्षक अपने परिवार को भी दें समय

सरस्वती पूजा के ठीक एक दिन पूर्व मंगलवार को ममता बनर्जी ने ट्वीट के जरिये यह महत्वपूर्ण घोषणा की। ममता ने शिक्षकों को मुख्य अभिभावक बताते हुए समाज और राष्ट्र में उनके अप्रतिम योगदान की चर्चा की। तर्क दिया कि स्कूल के अलावा शिक्षक अपने परिवार को भी समय दे सकें, इसलिए गृह जिले में तैनाती का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के बाद देश व राज्य के सामूहिक विकास में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षकों की भागीदारी बढ़ेगी।

शिक्षकों का देश और समाज के विकास में बड़ा योगदान होता है

शिक्षक और छात्र-छात्राओं के प्रति गर्व का भाव जाहिर करते हुए ममता ने कहा कि भविष्य के महान व्यक्तित्व के गठन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। देश और समाज के विकास में भी उनका बड़ा योगदान होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा- सरकार शिक्षकों को उनके जिलों में स्थित विद्यालयों में तबादले का देगी अवसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती पूजा का आदर्श समय होने की वजह से यह शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता जताने का सही मौका है। इसलिए सरकार अब से राज्य के सभी शिक्षकों को उनके जिलों में स्थित विद्यालयों में तबादले का अवसर देगी।

शिक्षकों में दौड़ी खुशी की लहर

मुख्यमंत्री के इस कदम से शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस घोषणा का शिक्षक संगठनों ने खुले दिल से स्वागत किया है। शिक्षकों का कहना है इस फैसले से उनका घंटों बर्बाद होने वाला समय बच जाएगा। घर से दूसरे जिलों में स्थित विद्यालयों में आने-जाने में ही उनका अधिकांश समय और ऊर्जा बर्बाद होती रही है। इससे मानसिक दबाव बना रहता है और परिवार को मिलने वाला समय यात्रा में बीत जाता है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इससे पढ़ाई की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

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