राफेल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बंद लिफाफे में विमानों की कीमत बताए सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और रणनीतिक जानकारी एक बंद लिफाफे में 10 दिन के भीतर कोर्ट को उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 31 Oct 2018 12:03 AM (IST) Updated:Thu, 01 Nov 2018 12:11 AM (IST)
राफेल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बंद लिफाफे में विमानों की कीमत बताए सरकार
राफेल मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बंद लिफाफे में विमानों की कीमत बताए सरकार

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट का रुख बदलता जा रहा है। पहली सुनवाई में कीमत के मुद्दे से पूरी तरह किनारा रखने के बाद कोर्ट ने दूसरी सुनवाई में ही सरकार से राफेल विमानों की कीमत का ब्योरा तलब कर लिया है। हालांकि ब्योरा सीलबंद लिफाफे में ही देना होगा।

बुधवार को कोर्ट ने सरकार को दस दिन के भीतर सील बंद लिफाफे में विमान की कीमत और अगर उससे कोई फायदा हुआ है, तो उसका ब्योरा बताने को कहा है। जब सरकार ने कीमत बताने में मुश्किलें बताई और कहा कि इसका खुलासा तो संसद में भी नहीं किया गया है तो कोर्ट ने हलफनामा देकर यह बात स्पष्ट करने को कहा।

इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि सौदे की प्रक्रिया के फैसले से जुड़ा जो ब्योरा सार्वजनिक किया जा सकता है, वह याचिकाकर्ताओं और संबंधित पक्षकारों को भी दिया जाए। भारतीय आफसेट पार्टनर के बारे में भी जो ब्योरा सार्वजनिक किया जा सकता है उसे भी याचिकाकर्ताओं को दिया जाए।

कोर्ट ने कहा कि इन ब्योरों में यदि कुछ चीजें नीतिगत और गोपनीय हैं वे फिलहाल सिर्फ कोर्ट को दी जाएं। उन्हें अभी याचिकाकर्ताओं को नही भी दिया जा सकता है। कोर्ट ने सरकार को दस दिन के भीतर सारा ब्योरा देने का आदेश देते हुए मामले को 14 नवंबर को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया है। इस बीच पक्षकार उन्हें मिली जानकारी पर जवाब दाखिल कर सकते हैं।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, यूयू ललित व केएम जोसेफ की पीठ ने राफेल सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए। पिछली सुनवाई गत 10 अक्टूबर को कोर्ट ने सरकार से सील बंद लिफाफे में सौदे की निर्णय प्रक्रिया मांगते समय साफ किया था कि उसमें वह विमान की कीमत और तकनीकी उपयुक्तता व वायुसेना के लिए उसकी उपयोगिता का ब्योरा नहीं मांग रहा है। उस आदेश पर सरकार ने सील बंद लिफाफे में सौदे की निर्णय प्रक्रिया का ब्योरा दिया था। जिसे देखने के बाद बुधवार को कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल उस पर कोई टिप्पणी या नजरिया नहीं प्रकट कर रहा है लेकिन कोर्ट को दी गई जानकारी में जो बातें सार्वजनिक की जा सकती हैं वे याचिकाकताओँ को दी जाएं।

पहले सीबीआइ को अपना घर ठीक करने दो
याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने जब कोर्ट से कहा कि उन्होंने सीबीआइ को शिकायत दी है। कोर्ट सीबीआइ से पूछे कि उस शिकायत पर क्या हुआ। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने सीबीआइ जांच मांगी है। लेकिन आप अभी इंतजार करें। पहले सीबीआइ को अपना घर तो ठीक करने दो।

पांच राज्यों के चुनाव के बाद हो सुनवाई
याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहा कि सुनवाई पांच राज्यों में चुनावों के बाद कराई जाए क्योंकि उन पर राजनीति से प्रेरित याचिका के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा कि कोर्ट का चुनाव से क्या लेना देना। सरकार ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया है। सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाओं में सौदे पर सवाल उठाए गए हैं।

दो याचिकाएं वकील एमएल शर्मा और विनीत ढंडा की हैं जबकि एक आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और एक भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने दाखिल की है। संजय सिंह ने एसआइटी जांच मांगी है जबकि सिन्हा ने कोर्ट निगरानी में सीबीआइ जांच मांगी है। बुधवार को अरुण शौरी भी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि किसी भी जनहित याचिका में राफेल विमानों की वायुसेना के लिए उपयुक्तता और गुणवत्ता का मुद्दा नहीं उठाया गया है। याचिकाओं में सौदे की प्रक्रिया और कीमत को लेकर सवाल उठाये गए हैं।

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