कोरोना दिशा-निर्देशों के उल्लंघन मामले में केंद्रीय मंत्री तोमर और कमल नाथ पर होगी एफआइआर

कोरोना (कोविड-19) के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले में मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता पुरषेंद्र कौरव ने बुधवार को हाई कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 05:25 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 05:25 PM (IST)
कोरोना दिशा-निर्देशों के उल्लंघन मामले में केंद्रीय मंत्री तोमर और कमल नाथ पर होगी एफआइआर
नरेंद्र सिंह तोमर और कमल नाथ की फाइल फोटो।

ग्वालियर, राज्‍य ब्‍यूरो। कोरोना (कोविड-19) के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले में मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता पुरषेंद्र कौरव ने बुधवार को हाई कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। अगली सुनवाई (23 अक्टूबर) पर कलेक्टर इसके अनुपालन का प्रतिवेदन पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ग्वालियर व दतिया कलेक्टर को निर्देशित किया जा चुका है। मामले की सुनवाई जस्टिस शील नागू व राजीव कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने की। महाधिवक्ता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए।

कोर्ट का आदेश, वर्चुअल मीटिंग संभव नहीं होने पर ही कर सकेंगे भौतिक सभा 

कोर्ट ने ग्वालियर-चंबल संभाग में होने वाली राजनीतिक सभाओं के संबंध में अपने एक अहम आदेश में कहा कि अब वर्चुअल मीटिंग संभव नहीं होने पर ही भौतिक रूप से सभा हो सकेगी। इसके लिए चुनाव आयोग की इजाजत जरूरी होगी। अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने चुनावी सभाओं में कोविड-19 के दिशानिर्देशों के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जनहित याचिका दायर की है। 

अधिक अहम है लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार 

कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार हैतो मतदाताओं को भी जीने के साथ-साथ स्वस्थ रहने का अधिकार है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है। मौजूदा परिस्थिति में राजनेताओं को लोगों के प्रति उदारता दिखानी चाहिए, लेकिन उनके आचरण से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। स्थिति काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। संज्ञान में आया है कि सभाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।

भौतिक सभा के संबंध में निर्देश

-भौतिक सभा के लिए बताना होगा कि वहां वर्चुअल सभा क्यों नहीं हो सकती है। कलेक्टर संतुष्ट होने के बाद स्पीकिंग ऑर्डर (तार्किक आदेश) पास करेंगे और मामला चुनाव आयोग को भेजना होगा। आयोग की इजाजत के बाद ही भौतिक सभा हो सकेगी। 

-आयोग से जितने लोगों को सभा में शामिल होने की अनुमति मिलेगी, उनके लिए मास्क व सैनिटाइजर पर होने वाले खर्च की दोगुनी राशि उम्मीदवार को कलेक्टोरेट में जमा कराना होगी।

-इजाजत लेने वाले को एक शपथ पत्र देना होगा कि सभा में आने वाले हर व्यक्ति को मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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