विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस और यूरोपीय संघ के कारोबारियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित, जानें क्‍या कहा

विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने फ्रांस और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के समक्ष भारत के आर्थिक एजेंडे को विस्तार से पेश किया और स्थानीय कारोबारी समुदाय को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। जानें उन्‍होंने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 08:21 PM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस और यूरोपीय संघ के कारोबारियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित, जानें क्‍या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस और यूरोपीय संघ के कारोबारियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। देश के आर्थिक एजेंडे को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में विदेश मंत्रालय की भूमिका और ज्यादा अहम होने वाली है। इसके संकेत तब और उभरकर सामने आए जब शुक्रवार को फ्रांस के सीनेट में आयोजित एंबिशन इंडिया, 2021 कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपना भाषण दिया। विदेश मंत्री ने फ्रांस और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के समक्ष भारत के आर्थिक एजेंडे को विस्तार से पेश किया और स्थानीय कारोबारी समुदाय को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

जयशंकर ने कहा कि भारत इस वर्ष 9.5 प्रतिशत की तेज विकास दर के साथ ही वर्ष 2025 तक दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती हुई इकोनामी बना रहेगा। भारत के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। पिछले वर्ष जब दुनियाभर में विदेशी निवेश 42 प्रतिशत गिरा था, तब भी भारत ने 13 प्रतिशत अधिक एफडीआइ आकर्षित किया था। कोरोना महामारी के बावजूद देश ने यह सुनिश्चित किया है कि इसकी वित्तीय स्थिरता पर कोई विपरीत असर न हो।

एंबिशन इंडिया, 2021 कार्यक्रम में फ्रांस की सीनेट के प्रेसिडेंट गेरार्ड लार्च तथा विदेश मंत्री ज्यां वेस ले द्रां समेत प्रमुख उद्यमी व राजनेता शामिल थे। भारत और फ्रांस के कूटनीतिक व रणनीतिक रिश्तों को बेहद खास बताते हुए विदेश मंत्री ने इसे हर क्षेत्र में मजबूत बनाने की अपार संभावनाओं की एक झलक दिखाई।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमन व शांति के लिए फ्रांस को बेहद जरूरी मानता है और इसे एक मजबूत शक्ति और प्रमुख साझेदार के तौर पर देखता है। इन दोनो देशं की साझेदारी इस क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों की रक्षा व बहुराष्ट्रवाद की भावना को बनाये खने के लिए जरूरी है।

विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के अनुभवों को देखते हुए भारत व फ्रांस को मैन्यूफैक्च¨रग में वैश्विक सप्लाई चेन व्यवस्था बनाने पर काम करना चाहिए। विदेश मंत्री ने वैश्विक नेताओं और उद्योगपतियों के समक्ष कोरोना काल में भारत की क्षमताओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पिछले हफ्ते ही भारत ने सौ करोड़ वैक्सीन देने का काम किया है।

हाल ही में भारत ने कृषि, खनन, मैन्यूफैक्चरिंग, श्रम कानून, रक्षा उद्योग, वित्त, कारपोरेट टैक्स जैसे क्षेत्रों में कई बड़े सुधार किए हैं। राज्य व केंद्र के बीच जबरदस्त सहयोग है। राज्यों के स्तर पर भी कई सुधार किए जा रहे हैं। निजी क्षेत्र के सहयोग से 1.4 लाख करोड़ डालर की इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। भारत और फ्रांस के बीच स्वास्थ्य, पर्यावरण और डिजिटल सेक्टर में सहयोग की काफी संभावनाएं हैं। 

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