इस्तीफा देने पर दिग्विजय सिंह ने हरसिमरत कौर को दी बधाई, दुष्यंत चौटाला को चेताया

दिग्विजय सिंह ने दुष्यंत चौटाला को इन किसान विरोधी बिलों पर बीजेपी का समर्थन न करने की नसीहत दी है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 02:52 PM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 02:52 PM (IST)
इस्तीफा देने पर दिग्विजय सिंह ने हरसिमरत कौर को दी बधाई, दुष्यंत चौटाला को चेताया
इस्तीफा देने पर दिग्विजय सिंह ने हरसिमरत कौर को दी बधाई, दुष्यंत चौटाला को चेताया

नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि से जुड़े बिलों को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। इसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के वरिष्ट नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों का समर्थन करने और इस्तीफा देने पर हरसिमरत कौर को बधाई दी है। उधर, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे को एक मजबूरी बताया है।

दिग्विजय सिंह ने हरमिसरत को बधाई देने के साथ-साथ दुष्यंत चौटाला के नसीहत भी दी। कांग्रेस नेता ने कहा कि दुष्यंत चौटाला इन किसान विरोधी बिलों पर बीजेपी का समर्थन न करें, अन्यथा उन्हें भविष्य में बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्हें किसानों का समर्थन करना चाहिए।

सरकार पर हमला करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस और भाजपा की मूल मानसिकता किसान विरोधी रही है। मोदी जी आपदा में अवसर ढूंढते हैं, कोरोना की आपदा में उन्होंने अवसर ढूंढ लिया कि बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों को कैसे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में घुसाया जाए और उसमें राज्यों का मंडी कानून बाधक था।

I want to congratulate Harmisrat Singh Badal for resigning from govt in support of farmers & would warn Dushyant Chautala not to support BJP on these anti-farmer bills, otherwise he will suffer big defeat in future. He should support farmers: Digvijaya Singh, Congress Leader https://t.co/MQk1HwZXG6" rel="nofollow

— ANI (@ANI) September 18, 2020

वहीं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हरसिमरत कौर पर निसाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा उनकी मजबूरी थी। 4 महीने तक उन्होंने किसानों को मूर्ख बनाने की कोशिश की, लेकिन खुद को ही हंसी का पात्र बना लिया। जाखड़ ने आगे कहा कि इस प्रक्रिया में उन्होंने एनडीए में अपना सम्मान भी खो दिया है। मोदी जी ने उन्हें डंप करना ठीक समझा। क्योंकि किसानों के समर्थन के बिना शिरोमणि अकाली दल उनके लिए बोझ है।

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