NRC प्रक्रिया में हुई धांधली, अब सीनियर आफिसर करेंगे री-वेरिफिकेशन
असम के पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां NRC की मांग कर रहीं हैं जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा कांग्रेस सीपीआइएम और मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सरकार का मानना है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाने की प्रक्रिया में धांधली हुई है, इसलिए अब इसकी फिर से होने वाली जांच प्रक्रिया में सीनियर अधिकारियों को लाया जाएगा। केंद्र इसमें क्लास 1 के अधिकारियों को शामिल करना चाहती है जिनके पास अधिक अनुभव के साथ अधिक नॉलेज भी हो ताकि इस प्रक्रिया की दोबारा जांच बिना किसी व्यवधान के पूरी हो सके।
NRC लागू करने वाला पहला भारतीय राज्य है असम
असम पहला भारतीय राज्य है जहां असली भारतीय नागरिकों के नाम शामिल करने के लिए 1951 के बाद NRC को अपडेट किया जा रहा है। जो लोग असम में बांग्लादेश बनने के पहले (25 मार्च 1971 के पहले) आए है, केवल उन्हें ही भारत का नागरिक माना जाएगा।
घूस लेते पकड़े गए कई अधिकारी
NRC सूची में नाम दर्ज कराने के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें फील्ड में कार्यरत अधिकारी घूस लेते पकड़े गए। शुक्रवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात की जानकारी दी और NRC की अंतिम सूची प्रकाशित करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की।
बाहर जाने वालों में 41 लाख नाम
जुलाई 2018 और इस साल के जून में प्रकाशित NRC सूची में करीब 41 लाख लोगों को निकाला जाना है। करीब 36 लाख लोगों ने अपने बाहर किए जाने व 2 लाख लोगों के शामिल किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। इन दावों और आपत्तियों के लिए विभिन्न NRC केंद्रों पर सुनवाई जारी है। केंद्र और असम सरकार के लिए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि लिस्ट में बाहर जाने वालों और शामिल होने वालों के नामों के लिए धांधली की गई है।
मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने बताया कि NRC स्टेट कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के रिपोर्ट में दावा है कि करीब 80 लाख नामों का वेरिफिकेशन हो चुका है।
सीजेआई के रीवेरिफिकेशन की आवश्यकता से इंकार पर तुषार मेहता ने जवाब दिया कि रिवेरिफिकेशन से अधिकारियेां को अवैध प्रवासियों को निकाले जाने में मदद मिलेगी।
25 लाख लोगों की मांग है ‘री-वेरिफिकेशन’
25 लाख लोगों ने केंद्र के समक्ष री-वेरिफिकेशन की याचिका दर्ज कराई है और यह गृहमंत्रालय के पास विचार के तहत रखा गया है। गृह मंत्रालय के सूत्र के अनुसार, कई वास्तविक नामों को लिस्ट से बाहर रखा गया है जबकि कई ऐसे नामों को शामिल किया गया है जिन्हें बाहर होना चाहिए था।
मिजोरम में भी NRC की मांग
कांग्रेस को छोड़ मिजोरम की सभी स्थानीय पार्टियां ईसाई बहुल राज्य में NRC की मांग कर रही हैं। सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट ने पिछले साल के नवंबर में विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए गए अपने मेनीफेस्टो में वादा किया था कि यह असम की तरह अपने राज्य में NRC की शुरुआत करेगी।
त्रिपुरा में भी NRC के लिए उठी आवाज
असम के पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियां NRC की मांग कर रहीं हैं जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस, सीपीआइएम और मेघालय की नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल हैं।