हार की समीक्षा रिपोर्ट ठंडे बस्ते में नहीं डालेगी कांग्रेस, विश्लेषण कर जल्द होंगे सुधारात्मक बदलाव

राज्यों की हार पर गठित इस समिति की सिफारिशें कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिए बेहद अहम है क्योंकि पार्टी के मौजूदा संकट के समाधान का रास्ता काफी हद तक इसकी सिफारिशों पर अमल से ही निकल सकता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 08:47 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 08:47 PM (IST)
हार की समीक्षा रिपोर्ट ठंडे बस्ते में नहीं डालेगी कांग्रेस, विश्लेषण कर जल्द होंगे सुधारात्मक बदलाव
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की फाइल फोटो

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पार्टी इस बार ठंडे बस्ते में नहीं डालेगी। इस रिपोर्ट का गहन अध्ययन और व्यापक विश्लेषण करने के बाद पार्टी इसकी सिफारिशों के अनुसार कांग्रेस के संगठन से लेकर रीति-नीति में बदलाव के लिए भी तैयार है। पार्टी ने संकेत दिए हैं कि इस रिपोर्ट पर गहन मंत्रणा के लिए यथाशीघ्र कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाएगी और कांग्रेस सुधारात्मक कदम उठाने से पार्टी परहेज नहीं करेगी।

चुनाव दर चुनाव कांग्रेस के लचर प्रदर्शन और संगठन की कमजोरी को लेकर पार्टी में लंबे समय से बेचैनी का माहौल है और इसकी वजह से पार्टी में असंतुष्ट नेताओं का एक खेमा काफी मुखर है। असंतुष्ट नेताओं का गुबार थामने और पार्टी में उठापटक को रोकने के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यों के हाल के चुनाव में पार्टी की हार के कारणों की पड़ताल के लिए महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और उद्धव सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण की अगुआई में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। लोकसभा सांसद मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद, विसेंट एच. पाला और ज्योति मणि इस समिति के अन्य सदस्य हैं। इस समिति को चार राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चव्हाण समिति ने तीन राज्यों असम, केरल और पुडुचेरी में पराजय के कारणों की अपनी समीक्षा रिपोर्ट सोनिया गांधी को मंगलवार को सौंप दी थी। पश्चिम बंगाल की हार की समीक्षा का अध्ययन अभी पूरा नहीं हुआ है।

चव्हाण समिति की रिपोर्ट पर होगा गंभीरता से विचार 

राज्यों की हार पर गठित इस समिति की सिफारिशें कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिए बेहद अहम है क्योंकि पार्टी के मौजूदा संकट के समाधान का रास्ता काफी हद तक इसकी सिफारिशों पर अमल से निकलेगा। कांग्रेस नेतृत्व भी पार्टी के मौजूदा संक्रमण के दौर में बड़े संगठनात्मक बदलाव और रीति-नीति के संचालन में व्यापक भागीदारी की उठ रही आवाजों की गंभीरता को समझ रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राज्यों की हार पर सौंपी गई रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चव्हाण समिति की रिपोर्ट पर गंभीरता से विचार होगा। पार्टी दो स्तर पर इसका अध्ययन करेगी और उसके बाद सुधार का रास्ता तय होगा। ¨सघवी ने संकेत दिया कि इस पर मंत्रणा के लिए कार्यसमिति की बैठक बुलाने में देर नहीं होगी और सिफारिशों पर कार्यान्वयन जल्द होगा।

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