CAA-NRC पर सरकार से सियासी आर-पार को तैयार कांग्रेस, राज्यों के सीएम को भी उतारा मैदान में

पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता ही नहीं कांग्रेस शासित पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के इस बड़े विरोध मार्च में शामिल होकर सीएए-एनआरसी की जंग को आर-पार की लड़ाई बना दिया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 06:50 PM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 07:05 PM (IST)
CAA-NRC पर सरकार से सियासी आर-पार को तैयार कांग्रेस, राज्यों के सीएम को भी उतारा मैदान में
CAA-NRC पर सरकार से सियासी आर-पार को तैयार कांग्रेस, राज्यों के सीएम को भी उतारा मैदान में

संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस ने अपने 135वें स्थापना दिवस के मौके 'संविधान बचाओ-भारत बचाओ' मार्च देश भर में निकाल कर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपने विरोध को और आगे बढ़ा दिया है। दिल्ली से मुंबई, असम से केरल और गुजरात से लेकर बिहार तक पार्टी ने इस मार्च के साथ संविधान की मूल प्रस्तावना का पाठ कर एनडीए सरकार को साफ संदेश दे दिया कि कांग्रेस का सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन अभी थमेगा नहीं। देश में सीएए-एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार से आर-पार की सियासी जंग की तैयारी करती साफ दिख रही है।

सीएए-एनआरसी पर राजनीतिक लड़ाई में कांग्रेस के सियासी तेवर इसी से जाहिर हैं कि दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तो असम में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और लखनऊ में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुद इस विरोध का नेतृत्व किया। पी चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद से लेकर पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता ही नहीं कांग्रेस शासित पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के इस बड़े विरोध मार्च में शामिल होकर सीएए-एनआरसी की जंग को सियासी आर-पार की लड़ाई बनाने के पार्टी के इरादे में किसी गुंजाइश को खत्म कर दिया।

सोनिया गांधी ने स्थापना दिवस का किया आगाज 

कांग्रेस मुख्यालय चौबीस अकबर रोड पर शनिवार सुबह सोनिया गांधी ने पार्टी का झंडा लहराकर स्थापना दिवस समारोह का आगाज किया। इस दौरान राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसके बाद राहुल सीएए-एनआरसी के खिलाफ कांग्रेस के मार्च और रैली को संबोधित करने असम रवाना हो गए। दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में करीब तीन किलोमीटर लंबा मार्च राजघाट तक निकाला गया।

प्रियंका की अगुआई में मार्च निकालने की नहीं मिली इजाजत

लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में सीएए-एनआरसी पर पार्टी के मुखर विरोध को आगे बढ़ाते हुए पार्टीजनों को संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया। उत्तर प्रदेश में पूरे सूबे में लगी धारा 144 के कारण प्रियंका की अगुआई में कांग्रेस के मार्च को निकालने की प्रशासन ने इजाजत नहीं दी। हालांकि प्रियंका ने पार्टी दफ्तर में ही अपने संबोधन के दौरान सीएए-एनआरसी के जरिए देश को बांटने का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर बेहद तीखा हमला बोला। सीएए-एनआरसी की खिलाफत के लिए देश में स्वतंत्रता संग्राम जैसी दूसरी लड़ाई लड़ने की बात कह प्रियंका ने साफ कर दिया कि इसका विरोध करने के लिए निकल चुके कांग्रेस के कदम अब वापस नहीं होंगे।

राहुल गांधी ने सीएएए-एनआरसी पर खुलकर किया विरोध

एनआरसी पर भाजपा सरकार को बैकफुट पर धकेलने के कांग्रेस के इरादों को राहुल गांधी ने भी गुवाहटी में खुलकर जाहिर किया और कहा कि भाजपा-आरएएस के विचार से असम या देश को संचालित करने के प्रयासों के खिलाफ पार्टी की लड़ाई थमेगी नहीं। हालांकि सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा से आंदोलन पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंकाओं को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व काफी सजग दिखा।

इसीलिए राहुल ने गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन में हिंसा नहीं करने की बात कही तो प्रियंका ने लखनऊ में भी गांधी के अहिंसक विरोध के रास्ते पर चलकर संविधान के साथ छेड़छाड़ के सत्ता के प्रयासों को चुनौती देने की घोषणा की। कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, मध्यप्रदेश में सीएम कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल और पुड्डूचेरी में सीएम नारायणसामी ने कांग्रेस का संविधान मार्च निकाला। वहीं महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के मंत्रियों और सभी प्रदेशों में राज्य कांग्रेस प्रमुख की अगुआई में विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला गया।

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