Congress President Election 2022: अशोक गहलोत vs शशि थरूर, गांधी परिवार के 'विश्वास' से निकलेगी जीत की राह

Ashok Gehlot vs Shashi Tharoor INC President Election कांग्रेस पार्टी की कमान दो दशक से ज्यादा वक्त के बाद फिर से किसी बाहरी के हाथ होगी। यह लगभग तय है कि अध्यक्ष पद के लिए लड़ाई पार्टी के उम्मीदवार अशोक गहलोत और सांसद शशि थरूर के बीच होगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 22 Sep 2022 12:27 PM (IST) Updated:Thu, 22 Sep 2022 12:39 PM (IST)
Congress President Election 2022: अशोक गहलोत vs शशि थरूर, गांधी परिवार के 'विश्वास' से निकलेगी जीत की राह
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत और शशि थरूर के बीच मुकाबले के आसार

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए आज अधिसूचना जारी हो गई। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही, वैसे-वैसे कांग्रेसी नेताओं की हलचल बढ़ती जा रही है। अबतक अध्यक्ष पद चुनाव के लिए शशि थरूर और अशोक गहलोत का नाम सामने आ रहा है, लेकिन अबतक कुछ फाइनल नहीं है।

अध्यक्ष पद की चर्चा के बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत दिल्ली आकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। दूसरी तरफ केरल से सांसद शशि थरूर दिल्ली में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से मिले और चुनाव की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। इस बीच अब यह भी खबर आ रही है मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ सकते है।

अध्यक्ष पद की रेस में अब तक थरूर, गहलोत और दिग्विजय सिंह का नाम ही सामने आ रहा है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी कोई ऐलान नहीं हुआ है। नामांकन की प्रक्रिया भी 24 सितंबर से शुरू होनी है और यह 30 सितंबर तक चलेगी। इसलिए इस चुनाव में क्या होगा, यह सब अभी सस्पेंस ही है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि नॉमिनेशन वापस लेने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। ऐसे में 29 सितंबर को तस्वीर साफ होगी कि चुनाव मैदान में कौन-कौन है।

गांधी परिवार की रजामंदी जरूरी

कांग्रेस में जब भी गैर गांधी अध्यक्ष पद पर आसीन हुआ, तो वह गांधी परिवार की रजामंदी से ही हुआ। जिसने भी गांधी परिवार की भावना के खिलाफ अध्यक्ष पद पर खुद को आसीन करने का प्रयास किया, उसको कांग्रेस के मतदाताओं ने हरा दिया। हाल ही में दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि गांधी परिवार से कोई नॉमिनेशन नहीं भरता है तो वे अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन भर सकते हैं। यदि दिग्विजय के नॉमिनेशन में गांधी परिवार की मंजूरी नहीं हुई तो फिर से इतिहास दोहराया जा सकता है।

जब सीताराम केसरी ने पायलट और पंवार को हराया था

वर्ष 1997 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए तीन दिग्गज मैदान में अड़े हुए थे। सीताराम केसरी, शरद पंवार और राजेश पायलट। तीनों के बीच की लड़ाई कांग्रेस के इतिहास में सबसे रोचक किस्सों में से एक मानी जाती है। तब सीताराम केसरी ने शरद पंवार और राजेश पायलट दोनों को भारी-भरकम अंतर से हराया। केसरी को 6,224 वोट मिले, लेकिन पंवार को 882 और पायलट को 354 वोट ही मिल पाए।

सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद को मिले थे सिर्फ 94 वोट

आजादी के बाद से ही कांग्रेस पार्टी में गांधी-नेहरू परिवार का ही बोलबाला रहा है। यह भी सच है कि 40 सालों में महज दो बार ही अध्यक्ष पद पर चुनाव हुए हैं। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए वर्ष 2000 में चुनाव हुआ था। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7448 वोट मिले, लेकिन जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए।

22 साल से सोनिया-राहुल के पास कांग्रेस की कमान

वर्ष 2000 में सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने पर गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने पर भी कोई चुनौती नहीं दे पाया। राहुल गांधी 2017 से 2019 तक अध्यक्ष बने। सोनिया गांधी का कार्यकाल 1998 से 2017 तक रहा। वर्ष 2019 में राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनीं, जो अब तक इस पद पर कायम हैं।

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